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निर्मित उत्पाद के अनुपात में उपयोग हो चुकी प्लास्टिक को करना होगा रीसाइकिल

प्लास्टिक से संबंधित उत्पादों में लगाने के लिए शासन ने कमर कस ली है। अब प्लास्टिक से संबंधित उत्पादों के निर्माताओं को उसी अवस्था में प्लास्टिक के उत्पादों के निर्माण की अनुमति दी जाएगी जब निर्माता उतनी ही मात्रा में बाजार से प्लास्टिक वापस लाएंगे। निर्माताओं को बाजार से अपशिष्ट प्लास्टिक लाकर उसे रिसाइकिल भी कराना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Jun 2019 07:19 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jun 2019 07:19 PM (IST)
निर्मित उत्पाद के अनुपात में उपयोग हो चुकी प्लास्टिक को करना होगा रीसाइकिल
निर्मित उत्पाद के अनुपात में उपयोग हो चुकी प्लास्टिक को करना होगा रीसाइकिल

पंकज मिश्रा, ग्रेटर नोएडा : प्लास्टिक से संबंधित उत्पादों पर लगाम लगाने के लिए शासन ने कमर कस ली है। प्लास्टिक उत्पाद के निर्माताओं को उसी अनुपात में इनके निर्माण की अनुमति दी जाएगी, जिस अनुपात में वह उपयोग हो चुकी प्लास्टिक बाजार से वापस लेंगे। निर्माताओं को बाजार से अपशिष्ट प्लास्टिक लाकर उसे रीसाइकिल भी करना होगा।

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निर्माता के पास बाजार से वापस लिए प्लास्टिक के रीसाइकिल की सुविधा न होने पर किसी अन्य संस्था के जरिये इसका निस्तारण करना होगा। ऐसा करने पर ही निर्माता को प्लास्टिक उत्पादों के निर्माण की अनुमति मिलेगी। इस कार्य के अनुपालन के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यूपीपीसीबी को अहम कड़ी बनाया गया है। यूपीपीसीबी द्वारा शासन के निर्देशों पर अमल करते हुए प्लास्टिक उत्पाद के निर्माताओं को चिन्हित किया जा रहा है, क्षेत्र में मौजूद कुल वेंडरों की संख्या के साथ ही यूपीपीसीबी द्वारा एनओसी प्राप्त वेंडरों का डाटा भी एकत्र किया जा रहा है, जिनको जल्दी ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। यूपीपीसीबी प्लास्टिक का रीसाइकिल करने वाली संस्थाओं का भी डाटा एकत्र कर रहा है।

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इसलिए लिया निर्णय :

वातावरण में होने वाले प्रदूषण में प्लास्टिक का अहम योगदान है क्योंकि यह एक ऐसी वस्तु है, जिसे आसानी से नष्ट नहीं किया जा सकता है। मौजूदा समय में प्लास्टिक जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। दूध, तेल, घी, आटा, चावल, दाल समेत लगभग हर घरेलू चीज की पैकिग के लिए प्लास्टिक, पॉलीथिन का इस्तेमाल हो रहा है। शासन की योजना के मुताबिक प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित करना आसान नहीं है, लेकिन कुछ शर्तो के साथ इसके उपयोग की अनुमति दी जाए तो इसे कम जरूर किया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए निर्माताओं के लिए उक्त मानक निर्धारित किए गए। उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा समय-समय पर पॉलीथिन की बंदी के आदेश दिए जाते रहे हैं, लेकिन कभी भी पूर्ण रूप से आदेश का क्रियान्वयन नहीं हो पाया।

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प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण योजना लाई गई है, जिसका शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए यूपीपीसीबी प्लास्टिक, पॉलीथिन निर्माताओं को चिन्हित करने समेत अन्य मुद्दों पर कार्य कर रहा है।

- अर्चना द्विवेदी, क्षेत्रीय अधिकारी यूपीपीसीबी

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