लोकपाल ने मजदूरों की शिकायत पर शुरू की जांच
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा लॉकडाउन के बाद केंद्र व प्रदेश सरकार ने मजदूरों को स्था
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : लॉकडाउन के बाद केंद्र व प्रदेश सरकार ने मजदूरों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मुहैया कराने को कहा है। मनरेगा के तहत काम दिलाने के सख्त निर्देश दिए हैं। वहीं मजदूरों को उनका मेहनताना तक नहीं मिल पा रहा है। जिसकी शिकायत मजदूरों ने मेरठ मंडल के मनरेगा लोकपाल अंशु त्यागी से की है। बुधवार को विकास भवन पहुंचकर उन्होंने मजदूरों के शिकायती पत्रों का संज्ञान लेते हुए जांच की। इस दौरान सामने आया कि दादरी के शादीपुर छिड़ौली गांव में मजदूरों को मेहनताना नहीं दिया गया। गांव में 190 लोगों के जॉब कार्ड बने है। काम कराने व उनका मेहनताना देने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान, खंड विकास अधिकारी व पंचायत सचिव की होती है। करीब 60 मजदूरों से तालाब सफाई, श्मशान, कच्चे रास्ते का निर्माण, स्कूलों की सफाई, पौधारोपण आदि कार्य कराया गया। जिसका भुगतान 15 दिन में होना चाहिए था, लेकिन चार महीने बाद भी मेहनताना नहीं दिया गया। मजदूरों ने प्रधान पर अधिकारियों से मिलीभगत कर धनराशि गबन करने का आरोप लगाया है। मनरेगा लोकपाल को शिकायत सुनाने बड़ी संख्या में मजदूर विकास भवन पहुंचे। उन्होंने जॉब कार्ड वितरित न किए जाने की शिकायत भी लोकपाल से की। मनरेगा लोकपाल ने सख्त तेवर दिखाते हुए मजदूरों को उनका अधिकार दिलाने की बात कही। लोकपाल ने बताया कि छायसा समेत कई अन्य ग्राम पंचायतों से भी उन्हें शिकायतें मिली है।
----------- -मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अंशु त्यागी, मनरेगा लोकपाल मेरठ मंडल