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मरीजों की जान पर भारी पड़ रही आक्सीजन की कमी

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा जिले के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी मरीजों की जान पर भारी

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 08:00 PM (IST)
मरीजों की जान पर भारी पड़ रही आक्सीजन की कमी
मरीजों की जान पर भारी पड़ रही आक्सीजन की कमी

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:

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जिले के अस्पतालों में आक्सीजन की कमी मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। कोविड अस्पताल निम्स व जेआर अस्पताल प्रबंधन आक्सीजन की कमी होने पर मरीजों के स्वजन को उन्हें ले जाने का दबाव बनाने लगे हैं। निम्स अस्पताल ने करीब 20 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करने के लिए भेज दिया। आक्सीजन की कमी के चलते दूसरों अस्पतालों ने भी मरीजों को भर्ती नहीं किया। कई घंटे तक मरीज बिना आक्सीजन, दवा व भोजन के सड़क पर खड़े रहे। पीड़ित स्वजन ने मामले की शिकायत प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। परेशान होकर कुछ मरीज अपने घर चले गए। शेष बचे मरीजों को कई घंटे बाद अस्पताल ने दोबारा अपने यहां भर्ती किया। कोविड अस्पतालों के द्वारा प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग से लगातार आक्सीजन उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है, लेकिन मांग के अनुरूप आक्सीजन उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इससे मरीजों के साथ ही उनके स्वजन में डर व्याप्त हो गया है।

निम्स को भी प्रशासन ने कोविड अस्पताल बनाया है। अस्पताल में भर्ती ज्यादातर मरीजों को आक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। कई बार कहने के बाद भी अस्पताल को मांग के अनुरूप आक्सीजन नहीं मिल पा रही है। अस्पताल प्रबंधन को लगा कि

आक्सीजन समाप्त होने पर मरीजों की दिक्कत बढ़ जाएगी। ऐसे में मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने की योजना बनी।

बीस मरीजों को एंबुलेंस से सुबह लगभग आठ बजे जिम्स भेजा गया। मरीज भूखे-प्यासे कई घंटे तक एंबुलेंस में ही इंतजार करते रहे। बेड खाली न होने के कारण अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया। बाद में एंबुलेंस से मरीजों को नोएडा के अस्पताल में भेजा गया। वहां भी मरीज कई घंटे तक एंबुलेंस में बैठे रहे। इस दौरान कई मरीज काफी परेशान हो गए। कुछ मरीज के स्वजन ने प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मामले से अवगत कराया, कोई मदद नहीं मिली। परेशान होकर कुछ मरीज वहीं से अपने-अपने घर चले गए। शेष बचे सात-आठ मरीजों को लेकर एंबुलेंस दोबारा अस्पताल आई, फिर मरीजों को भर्ती किया गया।

निम्स अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आक्सीजन की कमी होने के कारण कुछ मरीजों को दूसरे अस्पताल से बात कर शिफ्ट करने के लिए भेजा गया था। बाद में अस्पतालों में भी जगह भर गई। जो मरीज बचे थे उन्हें वापस लाकर अस्पताल में भर्ती किया गया। वहीं दूसरी तरफ आक्सीजन की कमी होने पर कोविड अस्पताल जेआर ने कुछ मरीजों के परिजन को फोन कर कहा कि मरीज को ले जाएं। स्वजन को लगा कि मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। बाद में उन्हें अस्पताल में आक्सीजन कम होने की बात पता चली।


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