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Greater Noida News: जानिये- क्यों दिनेश भाटी को कहा जाता है कोरोना योद्धा, जांबाजी के लिए भी इलाके में हैं मशहूर

Greater Noida News नोएडा सेक्टर- 94 में बने अंतिम निवास पर कोरोना से मृत शरीर के अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों के साथ रहकर उनकी हर संभव मदद करना और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना फिलहाल यही दायित्व निभा रहे हैं दिनेश भाटी।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 06:24 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 06:24 PM (IST)
Greater Noida News: जानिये- क्यों दिनेश भाटी को कहा जाता है कोरोना योद्धा, जांबाजी के लिए भी इलाके में हैं मशहूर
Greater Noida News:जानिये- क्यों दिनेश भाटी को कहा जाता है कोरोना योद्धा, जांबाजी के लिए भी इलाके में हैं मशहूर

ग्रेटर नोएडा/बिलासपुर [घनश्याम पाल]। सब अपने लिए जीते हैं परंतु जो दूसरों के लिए जीते हैं उन्हें ही जांबाज कहा जाता है। यह बात बिलासपुर देहात के पतला खेड़ा गांव निवासी दिनेश भाटी पर सही साबित होती है। नोएडा सेक्टर- 94 में बने अंतिम निवास पर कोरोना से मृत शरीर के अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों के साथ रहकर उनकी हर संभव मदद करना और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना, फिलहाल यही दायित्व निभा रहे हैं दिनेश भाटी। गतवर्ष भी जब लोग घरों में बंद रहते थे, तब भी दिनेश डोर टू डोर जाकर कूड़ा उठवाते थे। दिनेश भाटी वर्ष 2015 से 2019 तक कासना मंडल अध्यक्ष रहे और फिलहाल भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य भी हैं। 

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गौरतलब है कि बचपन से ही तैराकी का शौक रखने वाले दिनेश ने करीब 1 दर्जन से भी ज्यादा लोगों की नहर में डूबने से बचाया है। वह अपनी इसी बहादुरी के कारण इलाके में चर्चित हैं। इस बात की चर्चा आम हो चली है कि अब तक कई सम्मान प्राप्त कर चुका दिनेश दूसरों के प्राण बचाने के लिए अपनी जान हथेली पर रखने से भी पीछे नहीं हटते। खेरली नहर में नहाते समय पैर फिसल जाने के चलते डूबे बिलासपुर कस्बे के एक ही परिवार के तीन बच्चों को उन्होंने बचाया। इसके साथ ही 2 स्कूटर सवारों को भी डूबते से बचा चुके हैं। सूची लंबी हैं। इसी सूची में दिनेश भाटी स्कूनर देवटा गांव के एक व्यक्ति और सिकंद्राबाद के चार युवकों की जान बचा चुके हैं। यह उस समय बात है कि जब दिनेश खेरली नहर मोड़ पर मोबाइल की दुकान चलाते थे।

दिनेश का कहना है कि खेरली नहर में आए दिन डूबने की घटनाएं होती रहती हैं, परंतु जब कोई यहां डूबने लगता है तो सभी की तरह वो तमाशबीन नहीं रहते हैं। उन्होंने बताया कि जान बचाने के बाद उनको बहुत ही सुकून मिलता है।। निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे दिनेश भाटी को चंद्रा देवी स्मृति नवरत्न पुरस्कार 2013 के साथ 11000 नगद राशि तथा अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया है।

दिनेश भाटी राजनीति, सामाजिक व पारिवारिक दृष्टि से किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। फिर भी इस महामारी में एरिया मैनेजर जन स्वास्थ्य विभाग नोएडा डोर टू डोर सुबह 6 से शाम 5 बजे तक जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 10-11 घंटे अब भी बिना रुके लगातार घरों से लेकर श्मशान स्थल तक काम में तल्लीन असल में कोरोना योद्धा का कार्य कर रहे हैं। 

समाज व देश सेवा का जुनून ही हमें चलायमान किया रहता है। चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम तक पहुंचा कर आत्मसंतुष्टि होती है। - दिनेश भाटी, एरिया मैनेजर जन स्वास्थ्य विभाग नोयडा डोर टू डोर

लोगों की मदद करते रहे हैं दिनेश भाटी

पिता संतराम, चाचा धर्मवीर और भाई गोपाल की मानें तो जान पर खेल कर लोगों की मददगार करने में दिनेश हमेशा आग रहते हैं। पत्नी आरती व बेटा-बेटी दिनेश भी दिनेश की जनसेवा से प्रभावित तो हैं फिर भी सुरक्षा की दृष्टि चिंतित रहते हैं। 

पत्नी आरती पूर्व में ग्राम प्रधान रह चुकी हैं

दिनेश भाटी क्षेत्र के सम्पन्न व सम्मानित किसान परिवार के सदस्य हैं। इनके पिता संतराम भाटी व चाचा धर्मवीर प्रधान क्षेत्र के आदर्श किसान है, जबकि इनकी पत्नी आरती पूर्व ग्राम प्रधान रही हैं। 


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