किसान संगठनों के साथ सीईओ की वार्ता में विभिन्न बिंदुओं पर बनी सहमति
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण के प्रभावित किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजे के लिए हाई कोर्ट के आदेश को प्रदेश सरकार व यमुना प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही विशेष याचिका दायर की जाएगी। इसका मसौदा तैयार हो चुका है। किसान संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को प्राधिकरण कार्यालय में हुई वार्ता में सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने यह लिखित आश्वासन दिया।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण के प्रभावित किसानों को 64.7 फीसद अतिरिक्त मुआवजे के लिए हाई कोर्ट के आदेश को प्रदेश सरकार व यमुना प्राधिकरण सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही विशेष याचिका दायर की जाएगी। इसका मसौदा तैयार हो चुका है। किसान संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को प्राधिकरण कार्यालय में हुई वार्ता में सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने यह लिखित आश्वासन दिया।
किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि हाई कोर्ट ने 64.7 फीसद मुआवजा के शासनादेश को अवैध करार देकर शेष 20 फीसद किसानों को इसके लाभ से वंचित कर दिया है। किसानों में इसके खिलाफ रोष है। प्राधिकरण अगर हाई कोर्ट में मजबूत पैरवी करता तो शायद किसानों का हित प्रभावित न होता। उन्होंने सीईओ से इस मुद्दे पर आगे उठाए जा रहे कदम की जानकारी चाही। सीईओ ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनके हितों को प्राधिकरण सुरक्षित रखने का हरसंभव प्रयास करेगा। इसलिए हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की पूरी तैयारी हो चुकी है। नामचीन अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में प्राधिकरण की पैरवी करेंगे। विशेष याचिका तैयार हो चुकी है, इसे जल्द दाखिल कर दिया जाएगा। वहीं आबादी की लीजबैक में विलंब पर सीईओ ने कहा कि प्राधिकरण 75 प्रकरण के लिए सूची जारी कर चुका है। 68 प्रकरण की दोबारा जांच होनी है। कोविड-19 के कारण इसमें विलंब हो रहा है। जल्द ही जांच का काम शुरू करने के लिए टीम गांवों में जाएंगी।
सीईओ ने कहा कि जो भी किसान पूर्व में लीजबैक के लिए आवेदन नही कर सके हैं, वह अगर आवेदन करते हैं तो प्राधिकरण उस पर विचार कर जांच के बाद फैसला लेगा। संगठन प्रतिनिधियों ने विकसित भूखंड जल्द आवंटित करने की मांग करते हुए कहा कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रभावित किसानों को विकसित भूखंड मिलने में भूमि की अड़चन आ रही है, यमुना प्राधिकरण में यह स्थिति बनने से पहले ही सभी 29 गांवों के प्रभावित किसानों को विकसित भूखंड आवंटित किए जाएं। इसके अलावा किसानों ने वार्षिकी का मुद्दा उठाते हुए बचे किए लाभार्थियों को इसका लाभ दिलाने की भी मांग की। सीईओ ने विकसित भूखंड का आवंटन जल्द करने के साथ ही वार्षिकी के समझौते का अध्ययन करने के बाद उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बैठक में भाकियू अराजनीतिक के प्रदेश प्रवक्ता पवन खटाना, भाकियू अंबावता राष्ट्रीय संगठन मंत्री गिरिराज सिंह, भाकियू भानू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजब सिंह कसाना व भाकियू लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्योराज सिंह समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे। प्राधिकरण ने संगठनों की मांग पर सहमति जताई है। इन्हें जल्द पूरा करने के लिए लिखित आश्वासन दिया है। संगठन भी इस पर सहमत है। तय अवधि में मांगें पूरी न होने पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
पवन खटाना, प्रदेश प्रवक्ता भाकियू अराजनीतिक प्राधिकरण किसानों के हितों को सुरक्षित करने का हरसंभव प्रयास करेगा। किसान संगठनों के साथ वार्ता में जिन बिंदुओं पर सहमति बनी है, उन पर कार्रवाई के लिए जल्द कदम उठाए जाएंगे।
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण