सप्ताह का साक्षात्कार : वैक्सीन आने में अभी समय, बचाव ही एकमात्र हथियार : डॉक्टर वीपी सिंह
सांक्षिप्त परिचय नाम - डॉक्टर वीपी सिंह मूल स्थान - बुलंदशहर वर्तमान पता - नोएडा शिक्षा - एम
सांक्षिप्त परिचय
नाम - डॉक्टर वीपी सिंह
मूल स्थान - बुलंदशहर
वर्तमान पता - नोएडा
शिक्षा - एमबीबीएस, एमएस कोरोना महामारी ने विश्वव्यापी प्रभाव डाला है। कार्यालयों में काम करने के तरीकों, शिक्षण व्यवस्था से लेकर सामान्य दिनचर्या में काफी बदलाव आया है। हालांकि, लोग संक्रमण से बचाव को लेकर तमाम प्रयास कर रहे हैं। बावजूद देश में रोजाना बढ़ रहे मामले चिता का विषय बने हुए हैं। दुनिया भर के चिकित्सक व वैज्ञानिक कोरोना वायरस की वैक्सीन खोजने में लगे हैं। कुछ जगह ट्रायल अंतिम चरण में पहुंच चुका है, लेकिन इसको बाजार में आने में अभी समय लगेगा। ऐसे में बचाव ही एकमात्र हथियार है। कोरोना काल में खानपान, बचाव, मास्क, साफ-सफाई, वायरस की प्रकृति व उपचार को लेकर दैनिक जागरण के संवाददाता चंद्रशेखर वर्मा ने वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर वीपी सिंह ने बातचीत की। पेश के बातचीत के कुछ अंश:-
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- कोरोना संक्रमण का क्या उपचार है?
- कोरोना का कोई उपचार नहीं है। लक्षण दिखने पर संबंधित बीमारी का उपचार किया जाता है, जिससे संक्रमित को ठीक होने में मदद मिलती है। इसके लिए बचाव की कारगर हथियार है। - कोरोना की वैक्सीन कब तक आ सकती है?
- वैक्सीन को लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। इसको लेकर विभिन्न देशों में कई चरणों में ट्रायल चल रहे हैं। यह वायरस लगातार प्रकृ़ति बदल रहा है। ऐसे में वैक्सीन आने के संबंध में ठीक समय नहीं बताया जा सकता। वैक्सीन के भरोसे न रहें। बचाव करें। - मास्क पहनने और हाथ धोने की सही प्रक्रिया क्या है?
- पहली बात। मास्क पहनें तो बार-बार हटाएं नहीं। कपड़े से बने मास्क का इस्तेमाल करें। प्रयोग के बाद धोएं और फिर दोबारा पहने। हाथ को किसी भी साबुन से 30-40 सेकेंड तक धोएं। सब्जियों को साबुन से न धोएं। चलते पानी में 30 से 40 सेकेंड के लिए रख दें या हल्के गर्म पानी में कुछ समय के लिए रख दें। - कोरोना वायरस के मुख्य लक्षण क्या हैं?
संक्रमित व्यक्तियों में रोजाना नए लक्षण देखे जा रहे हैं।
- अभी भी इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में मुख्य रूप से खांसी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, बलगम आदि के लक्षण देखे जा रहे हैं। इसके साथ ही पेट खराब या पेट में दर्द भी कोरोना से संबंधित लक्षण हो सकता है। कुछ भी असमान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। खुद कोरोना की जांच न कराएं। - कोरोना वायरस लगातार जीनोम (प्रकृति) बदल रहा है? दिल्ली-एनसीआर में किस तरह के कोरोना वायरस की मार है।
- कोई भी वायरस अपनी प्रकृति बदलता है। गुजरात व मुंबई में कोरोना वायरस की मारक क्षमता अधिक है। हो सकता है कि यहां सीधे वुहान से वायरस पहुंचा हो। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में मारक क्षमता कम है। यहां ईरान व यूरोप होते हुए यह वायरस पहुंचा है। ऐसे में यहां मृत्यु दर कम है। - लोग बचाव के लिए काढ़ा या अन्य प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ अधिक मात्रा में ले रहे हैं। इसका शरीर पर दुष्प्रभाव भी पड़ सकता है?
- तय मात्रा से कोई भी खाद्य पदार्थ लेना शरीर के लिए हानिकारक है। जनता में गलत धारणा है कि काढ़ा पीने से तुरंत प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी। ऐसा नहीं है। बचपन से ही खानपान के जरिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कुछ भी खाएं और सोचें कि 24 घंटे में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाएगी। यह गलत है। कोरोना काल में हरी सब्जियां, फल, काढ़ा, सूखे मेवे संतुलित मात्रा में लें। - रेपिड एंटीजेन टेस्ट कितना कारगर है?
- कोरोना संक्रमितों को पहचानने के लिए रेपिड एंटीजेन टेस्ट काफी कारगर है। यह स्क्रीनिग के लिए जरूरी है। इसमें जांच के लिए पॉजिटिव संक्रमितों की पहचान हो सकती है। पॉजिटिव आने के बाद आरटीपीसीआर टेस्ट करते हैं। यह कह सकते हैं कि रेपिड एंटीजेन मोटी छलनी तो आरटीपीसीआर बारीक छलनी है। - होम क्वारंटाइन में किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए?
- सरकार को होम क्वारंटाइन की सुविधा पहले की लागू कर देनी चाहिए। अस्पतालों में केवल गंभीर लक्षण वाले संक्रमितों को ही भर्ती करना चाहिए। सभी संक्रमितों को अस्पतालों में भर्ती करने लगे तो बिस्तरों की पूर्ति कभी नहीं हो पाएगी। वहीं, घर पर क्वारंटाइन होने की स्थिति में आइसोलेशन का कढ़ाई से पालन करना चाहिए। परिवार के अन्य सदस्यों से बिल्कुल दूरी बनाकर रखनी चाहिए। - संक्रमण से बचाव को एन-95 मास्क? ठीक है या सामान्य गमछा या थ्री लेयर मास्क?
-थ्री लेयर मास्क काफी प्रभावशाली हैं। गमछे का भी उपयोग किया जा सकता है। वहीं, थ्री लेयर मास्क व गमछे को धोकर भी दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकता है। - अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में भीड़ में बचाव के लिए क्या किया जाए?
-भारत जैसे देश में जनसंख्या एक बड़ी समस्या है। ऐसे में भीड़ तो लगेगी ही। शासन को चाहिए कि दुकानों के खुलने का समय बढ़ा देना चाहिए। सीमित समय में दुकानें खुलने से लोग सामान खरीदने के लिए एक साथ जुटते हैं। शनिवार व रविवार को होने वाले लॉकडाउन को हटा देना चाहिए। नौकरी पेशा वालों के पास खरीदारी करने के लिए यही दिन होते हैं। - कोरोना काल में अन्य बीमारियों से कैसे बचें और कब अस्पताल जाएं?
- कोरोना महामारी ने साफ-सफाई रखना सिखा दिया। लोग शारीरिक दूरी बनाने लगे। ऐसे में कई संक्रमित बीमारियों से बचाव होने लगा है। हालांकि, दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।