Move to Jagran APP

सुपर वुमन से कम नहीं यूपी पुलिस की मदर कॉप

सुनाक्षी गुप्ता नोएडा कहते हैं कि मां के लिए अपने बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण संसार में कुछ न

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 09:43 PM (IST)
सुपर वुमन से कम नहीं यूपी पुलिस की मदर कॉप
सुपर वुमन से कम नहीं यूपी पुलिस की मदर कॉप

सुनाक्षी गुप्ता, नोएडा : कहते हैं कि मां के लिए अपने बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण संसार में कुछ नहीं होता। कोरोना महामारी के दौर में जिले की महिला पुलिसकर्मी घर की सारी जिम्मेदारी यहां तक की बच्चों को भी पीछे छोड़कर कोरोना की ड्यूटी में तैनात रहीं और असल मायने में कोरोना योद्धा बनकर आम नागरिक की सुरक्षा के लिए आगे आई।

loksabha election banner

---

दुधमुंहे बच्चे को घर छोड़ ड्यूटी पर पहुंची सुमन

कोरोना में फ्रंट लाइन वॉरियर बनी महिला कांस्टेबल सुमन पांचाल ने कोरोना काल में विभिन्न सेक्टरों में बने हॉट स्पॉट में ड्यूटी की। सेक्टर 49 थाने में बने महिला बैरक में रह रहीं सुमन बताती हैं कि जब उनका मातृत्व अवकाश समाप्त ही हुआ था कि देश में कोरोना ने दस्तक दे दी। देश में लॉकडाउन लगा और उन्हें ड्यूटी पर जाना था तब वह दूध पीते 13 माह के बेटे हार्दिक और 7 साल की बेटी ट्विकल को छोड़कर ड्यूटी करने पहुंचीं। एक तरफ उन्हें बहुत दुख था तो दूसरी ओर देश की सेवा के लिए ड्यूटी पुकार रही थी। जब तक लॉकडाउन रहा वह कोरोना से परिवार की रक्षा के लिए बच्चों से भी नहीं मिली, लॉकडाउन खत्म हुआ तब करीब चार माह बाद जाकर बेटे का चेहरा देखा था। सुमन बताती हैं कि उनका बेटा पूरी तरह से मां के दूध पर निर्भर था, लेकिन फिर भी वह शहरवासियों की सुरक्षा के लिए काम पर वापस आई। गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित परिवार के लोग वीडियो कॉल के जरिये बच्चे की देखभाल करने की जानकारी देते रहते थे।

-----

कोरोना में ड्यूटी के लिए रद कीं छुट्टियां, 11 माह की बच्ची से बनाई दूरी

कोरोना काल में जब पूरे देश में एकसाथ मुसीबत आई तो नोएडा सेक्टर- 49 थाने में महिला कांस्टेबल ज्योति चौधरी ने कोरोना वॉरियर बन मिसाल पेश की। 11 माह की बेटी की देखभाल के लिए ली छुट्टियों को रद करा ज्योति ड्यूटी करने नोएडा पहुंचीं। लखीमपुर निवासी ज्योति बताती हैं कि लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही देशभर में लोगों को काफी परेशानी हुई थी, ऐसे में जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने के लिए और कंटेनमेंट जोन में उनकी ड्यूटी लगाई गई। ड्यूटी पर जाने के लिए वह दुधमुंही बच्ची को ननद के पास छोड़कर जाती थीं। कोविड-19 से जंग लड़ने के साथ बच्ची का भी विशेष ख्याल रखा। कोरोना ड्यूटी पर रहने के कारण बच्ची से दूरी भी बनाकर रखती थी ताकि वह संक्रमित न हो जाए। 12 घंटे की ड्यूटी पर रहने के बाद दिन में एक बार ही बच्ची को दूध पिला पाती थीं। बच्ची के आंसू भी उनके इरादे कमजोर नहीं कर पाए और वह लगातार कोरोना से जंग में योगदान देती रहीं। ज्योति बताती हैं कि जब वह कोरोना वायरस से जंग में शहरवासियों की रक्षा के लिए तैनात थी, तब उनके पति आर्मी में रहकर देश के बाहर के दुश्मनों से फ्रंट लाइन पर लड़ रहे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.