प्रशासक नियुक्त हुए तो विरोध में उतरेंगे ग्राम प्रधान
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा अक्टूबर से पहले गांवों की बागडोर प्रधानों के बजाय प्रशासको
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : अक्टूबर से पहले गांवों की बागडोर प्रधानों के बजाय प्रशासकों के हाथों में होगी। प्रधानों का कार्यकाल पूरा होने से पहले शासन ने ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया है। जिसके बाद प्रशासनिक स्तर से कवायद भी शुरू हो गई है। हालांकि शासन के इस फैसले के विरोध में ग्राम प्रधान आगे आ गए हैं। प्रधान जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2016 में होने का हवाला देकर पंचायत चुनाव का कार्यकाल 2021 में पूरा होने का दावा कर रहे हैं। इस संबंध में ग्राम प्रधानों ने पंचायती राज निदेशालय को पत्र भेजकर अपनी मंशा जाहिर की है। साथ ही जिला प्रशासन से भी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
चुनाव न होने की हालात में ग्राम प्रधानों ने कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है। बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अक्टूबर 2020 में प्रस्तावित थे। लेकिन कोविड-19 की वजह से चुनावों को लेकर पेच फंस गया। शासन ने प्रधानों का कार्यकाल पूरा होने से पहले प्रशासक नियुक्त करने को कहा है। यदि ऐसा हुआ तो अक्टूबर के बाद ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी सहायक विकास अधिकारियों की होगी। लेकिन जनपद की स्थिति थोड़ी अलग है। समूचे प्रदेश के जनपदों में चुनाव अक्टूबर 2015 में हुआ था। जबकि जिले में वर्ष 2016 में चुनाव हुए। प्रधानों का दावा है कि उनका कार्यकाल 2021 में पूरा हो रहा है। वहीं जिला पंचायत राज अधिकारी कुंवर सिंह यादव का कहना है कि इस संदर्भ में अभी शासन से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है जो शासन का आदेश होगा उसके तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी।