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संशोधित : रेरा में बीते 42 दिनों में हुई 1085 मामलों पर सुनवाई

सेक्टर गामा दो स्थित उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) कार्यालय में चार सितंबर से अब तक 42 दिन में 10

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 06:36 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 10:51 PM (IST)
संशोधित : रेरा में बीते 42 दिनों में हुई 1085 मामलों पर सुनवाई
संशोधित : रेरा में बीते 42 दिनों में हुई 1085 मामलों पर सुनवाई

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : सेक्टर गामा दो स्थित उत्तर प्रदेश भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) कार्यालय में चार सितंबर से अब तक 42 दिन में 1085 मामलों की सुनवाई हो चुकी है। इसमें पीठ-एक ने 475 और पीठ दो ने 610 मामलों की सुनवाई की है। जबकि अभी पूरे राज्य भर से 5400 मामले लंबित हैं। यह जानकारी (रेरा) पीठ-2 के सदस्य बल¨वदर कुमार ने मंगलवार को प्रेसवार्ता के दौरान दी। वह पिछले 40 दिन के कामकाज का ब्योरा दे रहे थे। बल¨वदर ¨सह ने बताया कि आगामी दो-तीन माह के अंदर सभी की मामलों की सुनवाई पूरी कर ली जाएगी। बल¨वदर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सेक्टर-137 में शुभकामना बिल्डर का टेकहोम के नाम से प्रोजेक्ट है। यहां 734 खरीदार फंसे हुए हैं। खरीदारों की सहूलियत के लिए 28 अक्टूबर को रेरा एक मोबाइल एप्लीकेशन लांच कर रहा है। बल¨वदर कुमार ने बताया कि एप्लीकेशन पर खरीदार अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगा। साथ ही अगर कोई प्रोजेक्ट पंजीकृत नहीं है। उसकी भी जानकारी मिलेगी। प्रोजेक्ट के फोटो भी अपलोड कर सकते है।

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बना है बायर्स एसोसिएशन :

प्रोजेक्ट की एक बायर्स एसोसिएशन बनाया गया है। एसोसिएशन ने अधूरे प्रोजेक्ट को स्वयं पूरा कराने का दावा किया है और इसकी अनुमति मांगी है। एसोसिएशन से दस दिन के अंदर प्रस्ताव देने को कहा गया है। प्रस्ताव के साथ प्रोजेक्ट के 60 प्रतिशत खरीदारों की लिखित में सहमति देनी होगी। सहमति व प्रस्ताव आने के बाद ऑडिट कंपनी से प्रोजेक्ट का ऑडिट कराया जाएगा। देखा जाएगा कि प्रोजेक्ट को पूरा करना संभव है या नहीं। बिल्डर पर प्राधिकरण का 80 करोड़ रुपये भी बकाया है। इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर एसोसिएशन को अनुमति देने पर विचार किया जाएगा। -------

गायत्री ओरा में भी खरीदार खुद पूरा करना चाहते हैं प्रोजेक्ट :

वहीं गायत्री ओरा प्रोजेक्ट की बायर्स एसोसिएशन भी स्वयं प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहती है। खरीदारों ने बताया कि वर्ष 2011 में बु¨कग की थी, लेकिन अभी तक कब्जा नहीं मिला है। यहां भी 700 से अधिक खरीदार फंसे है। रेरा के सदस्य बल¨वदर कुमार ने बताया कि एसोसिएशन ने प्रस्ताव दिया है। उस पर बिल्डर से जवाब मांगा गया है। बिल्डर को ऑडिट कराकर बताना होगा कि वह पूरा कर सकेगा या नहीं, कैसे प्रोजेक्ट को पूरा करेगा और फंड की व्यवस्था कहां से करेगा। तीन सप्ताह के अंदर यह जवाब देना होगा।

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रेरा में पंजीकृत नहीं हैं कई प्रोजेक्ट :

रेरा के सदस्य बल¨वदर कुमार ने बताया कि अभी भी काफी बिल्डरों ने अपने प्रोजेक्ट को रेरा में पंजीकृत नहीं कराया है। लखनऊ में ऐसे प्रोजेक्ट की काफी शिकायत मिली है, जिसके लिए बिल्डरों को 31 अक्तूबर तक का समय दिया गया है। इस दौरान प्रोजेक्ट को पंजीकृत कराना होगा। उसके बाद बिना रेरा में बिना पंजीकृत हुए प्रोजेक्ट को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए संबंधित प्राधिकरण को पत्र लिखा जाएगा।

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लखनऊ की जगह अब ग्रेनो में ही होगी बैठक :

रेरा के अधिकारी हर सप्ताह नोएडा, ग्रेनो और यमुना प्राधिकरण के अफसरों के साथ बैठक करते हैं। यह बैठक लखनऊ में होती है, लेकिन अगले सप्ताह से यह बैठक ग्रेटर नोएडा में ही होगी। रेरा के सदस्य बल¨वदर कुमार ने बताया कि हर बुधवार को सुनवाई के बाद यह बैठक होगी। वहीं बुधवार को रेरा की दो पीठ बैठकर सुनवाई करेगी।

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एनसीएलटी भेजे जाएंगे अर्थ और शुभकामना बिल्डर के मामले :

बल¨वदर कुमार ने बताया कि अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, आईकॉनिक की सुनवाई पूरी हो चुकी है। इन दोनों प्रोजेक्ट के 138 मामले थे। सभी को एनसीएलटी भेजा गया है। वहीं अर्थ ग्रेसिया प्रोजेक्ट के छह खरीदारों ने शिकायत की थी। इस प्रोजेक्ट में करीब 23000 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध है। ग्रेनो प्राधिकरण से जमीन को कब्जे में लेकर प्रोजेक्ट को पूरा कराने के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं मंगलवार को शुभकामना टेकहोम व सिटी प्रोजेक्ट के 126 खरीदारों के मामलों को सुना गया। टेकहोम प्रोजेक्ट की एसोसिएशन से प्रस्ताव मांगा है। वहीं सिटी प्रोजेक्ट में 770 खरीदार हैं। इस प्रोजेक्ट को पूरा करना मुश्किल है। खरीदारों को एनसीएलटी जाना होगा।

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रेरा में अब तक 1045 मामलों पर सुनवाई हो चुकी है। अभी 5400 मामले लंबित हैं, जिनको जल्द से जल्द निपटाया जाएगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए अब सप्ताह में छह दिन सुनवाई होगी।

- बल¨वदर कुमार, सदस्य पीठ-2, रेरा


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