जो देगा शपथ पत्र, उसी प्रत्याशी को करेंगे मतदान
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पैतृक गांव बादलपुर किसी पहचान का मोहताज नहीं।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का पैतृक गांव बादलपुर किसी पहचान का मोहताज नहीं। अपने कार्यकाल में उन्होंने गांव को कई बड़ी सौगात दी। इसका लाभ ग्रामीणों के साथ ही आसपास के गांवों को भी मिला, लेकिन धीरे-धीरे ये सौगातें अनदेखी का शिकार हो गई। इससे खफा ग्रामीणों का कहना है कि विकास के वादे तो सभी करते हैं। चुनाव से पहले सब गांव की तस्वीर बदलने की बात कहते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वादे भूल जाते हैं। अब तक तो ऐसा ही होता आया है। दरअसल दैनिक जागरण की टीम चुनाव से पहले लोगों की मन की बात जानने बादलपुर गांव पहुंची। गांव के अंदर प्रवेश करते ही बाजार था, जहां गंदगी पसरी थी। समीप ही ग्रामीणों का समूह खड़ा था। पूछा तो जवाब मिला, सफाई तो होती है, लेकिन कागजों में। इस बार प्रत्याशियों से क्या उम्मीद हैं, के सवाल पर युवा तपाक से बोल उठे, उम्मीद तो बहुत हैं, लेकिन जीतने के बाद नेता उम्मीदों पर खरे उतरे तब ना। वर्जन..
मतदान लोकतंत्र में व्यक्ति की सबसे बड़ी ताकत है। गांव की सरकार बनाने में युवा मतदाताओं की अहम भूमिका होगी। युवाओं की आदर्श युवा समिति ने चुनाव में उतरे प्रधान प्रत्याशियों से पांच साल में कराए जाने वाले कार्यों का शपथ पत्र मांगा है। जो प्रधान प्रत्याशी शपथ पत्र देगा, उनका वोट उसे ही जाएगा।
-रोहित नागर
------------- गांव में हेलीपैड तो हैं, लेकिन खेल मैदान व बरातघर नहीं है। सीवरलाइन बंद और नालियां चोक है। थोड़ी-सी बारिश में गांव के गलियारे जलमग्न हो जाते हैं। जीटी रोड पर अवैध पार्किंग की समस्या से ग्रामीण परेशान हैं। चुनावी एजेंडे में गांव के विकास को प्राथमिकता देने वाले ग्राम प्रधान को वोट करेंगे।
-गजराज नागर बरातघर नहीं है। सीवरलाइन बंद व नालियां चोक है। थोड़ी-सी बारिश होते ही सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। ऐसे प्रत्याशी का चयन हो जो शिक्षित होने के साथ संकल्पित व योग्य भी हो। विकास करने की क्षमता रखता हो। समाज के हित में काम करें।
-राजवीर
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एक नजर में ग्राम पंचायत
जनसंख्या - 7000
मतदाता - 3716
साक्षरता - 92 फीसद
नौकरी पैसा - 80 फीसद
ग्रामीणों का प्रमुख व्यवसाय -कृषि व पशुपालन
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गांव की समस्याएं
-बरातघर नहीं है।
-सीवर व नालियां चोक है।
-पानी निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है।
-नहर की सफाई
-बच्चों के लिए खैल का मैदान नहीं है।
-पात्रता होने के बावजूद 15 फीसद बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है।
-तालाब का सुंदरीकरण नहीं है। बॉक्स..
गांव में मौजूद मूलभूत सुविधाएं
-लड़कियों के लिए राजकीय डिग्री कॉलेज है।
-प्राथमिक अस्पताल
-हेलीपैड
-पशु चिकित्सालय
-पक्की नहर
-पक्की सड़क आदि