Move to Jagran APP

साक्षात्कार : पुलिस कमिश्नरी से जाएगा दूरगामी संदेश : विक्रम सिंह

कानून व्यवस्था बेहतर बनाने को लेकर प्रदेश सरकार बेहद गंभीर है। सत्ता की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को बदमाशों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए थे। कानून व्यवस्था को और चाक चौबंद करने के लिए लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू कर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दोनों जिलों में अगर यह प्रयोग सफल होता है तो आने वाले समय में प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में पुलिस प्रणाली पूरी तरह से बदल जाएगी। उनमें भी कमिश्नी सिस्टम लागू हो सकता है। गौतमबुद्धनगर उप्र का शो विडो है। साथ ही दिल्ली से सटा होने व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 06:54 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 06:01 AM (IST)
साक्षात्कार : पुलिस कमिश्नरी से जाएगा दूरगामी संदेश : विक्रम सिंह
साक्षात्कार : पुलिस कमिश्नरी से जाएगा दूरगामी संदेश : विक्रम सिंह

कानून व्यवस्था बेहतर बनाने को लेकर प्रदेश सरकार बेहद गंभीर है। सत्ता की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को बदमाशों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए थे। कानून व्यवस्था को और चाक चौबंद करने के लिए लखनऊ व गौतमबुद्ध नगर में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू कर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अगर यह प्रयोग सफल होता है तो आने वाले समय में प्रदेश के अन्य बड़े शहरों में में भी कमिश्नरी सिस्टम लागू किया जा सकता है। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम जिले में कानून व्यवस्था मजबूत करने और आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में कहां तक सफल होगा। इस संबंध में दैनिक जागरण संवाददाता धर्मेंद्र चंदेल व अरविद मिश्रा ने प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह से बातचीत की। प्रस्तुत है इसके प्रमुख अंश : जिले में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से अपराध नियंत्रण कहां तक संभव होगा?

loksabha election banner

पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू होना किसी क्रांति से कम नहीं है। वर्षो पूर्व भी इस तरह का प्रयोग हुआ था, लेकिन स्वार्थो की वजह से यह कामयाब नहीं हो सका। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में मजिस्ट्रेट की शक्ति पुलिस के पास आ गई हैं। इससे निश्चित रूप से लोगों को फायदा होगा। समय की बचत होगी। पुलिस कार्रवाई में तेजी आएगी। कानून व्यवस्था में व्यापक स्तर पर सुधार होगा।

जिले में पांच गुना पुलिस बल बढ़ गया। यह अपराधियों की कमर तोड़ने का काम करेगा। पुलिस पर जनता की अपेक्षाओं को कितना दबाव होगा?

निश्चित तौर पर, जब शक्तियां मिलती हैं तो अपेक्षाएं भी बढ़ती हैं। लाखों लोगों की निगाहें पुलिस पर होगी। जनहित में पुलिस क्या नया कदम उठा रही है, हर कोई जानना चाहेगा। अधिकारियों को चाहिए कि वह जीरो पर आउट न हों। जिस उम्मीद के साथ उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है, भरोसा जताया गया है, उस पर पूरी तरह से खरा उतरे। जिले में उद्यमियों से रंगदारी वसूलने वालों को मजबूत नेटवर्क है। इसे कैसे ध्वस्त कर सकते हैं?

जब मैं उप्र का पुलिस महानिदेशक था, तब ग्रेटर नोएडा की ग्रेजियानो फैक्ट्री में सीईओ की हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर मेरा रुख बेहद सख्त था। अधिकारियों को स्पष्ट आदेश था, जब तक आरोपितों को पकड़ा नहीं जाता, कोई बात नहीं होगी। उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सख्ती का असर यह हुआ कि महज कुछ ही घंटों में आरोपित पुलिस हिरासत में थे। पुलिस का दायित्व है कि उद्योगों के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करें। राज्य सरकार की नीति को आगे बढ़ाएं। पुलिस नेटवर्क को मजबूत करना बेहद जरूरी है। इसकी गोपनीयता बनाए रखा जाना चाहिए। पुलिस ऐसे कार्रवाई करे कि बदमाश फिर कभी रंगदारी मंगाने की हिम्मत न जुटा पाए। उद्यमियों और कारोबारियों का विश्वास जीता जाए। अ पुलिस व जनता के बीच समन्वय का आमतौर पर अभाव होता है, लोग अपनी शिकायत पुलिस के पास पहुंचाने में डरते हैं?

देखिये, पुलिस व जनता के बीच तालमेल जितना अच्छा होगा, अपराध नियंत्रण करने में उतनी ही अधिक सहूलियत होगी। इसके लिए जरूरी है कि पुलिस जनता की शिकायत, समस्याओं की नियमित रूप से सुनवाई करे। एक ऐसा मैकेनिज्म तंत्र विकसित करें, जिससे लोगों की शिकायत अधिकारियों तक पहुंचे। उस पर कार्रवाई की नियमित रूप से समीक्षा की जाए। जिस स्तर पर लापरवाही मिले, उस पुलिस कर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस के पास जो भी सूचना पहुंचे, उसमें किसी को भी हल्के में न लें। पुलिस को मिली शिकायतों पर कार्रवाई की तब तक समीक्षा होनी चाहिए, जब तक उसका निस्तारण न हो जाए।

जिले में शहरी व ग्रामीण मिश्रित आबादी है, पुलिसिग के लिए क्या सुझाव है?

देखिये, यहां सुशिक्षित, संपन्न लोग काफी अधिक हैं। उसी के अनुरूप पुलिसिग को अपनाने की जरूरत है। ग्राम सुरक्षा समिति, मोहल्ला सुरक्षा समिति का नेटवर्क मजबूत करते हुए नियमित रूप से संपर्क बनने की जरूरत है। गणमान्य लोगों से नियमित रूप से मिले और उनके सुझावों को नोट करें। अधिकारी अपने संपर्क नंबरों का आदान प्रदान करें। ताकि उन्हें सूचनाएं समय से व सटीक मिल सकें। पद के अभिमान में किसी के साथ अपना आचरण खराब न करें। संबंध बेहतर होंगे तो सूचनाएं मिलती रहेंगी। पुलिसिग मजबूत होगी। गांवों में जमीनी विवाद आपसी झगड़े की बड़ी वजह हैं, पुलिस कैसे निपट पाएगी?

आमतौर पर जमीनी विवाद दो तरह के होते हैं। गुंडई के दम पर अवैध रूप से संपत्ति पर कब्जा करने वाले और उत्तराधिकार को लेकर विवाद। जहां तक पारिवारिक विवाद का सवाल है। इसके लिए स्पष्ट कानून है। पुलिस उसके अनुसार कार्रवाई करे। जिसका जो हक है, वह उसे दिलाए। जहां तक दबंगई से कब्जा करने वालों की बात है, ऐसे लोगों से निपटने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त शक्ति है। सख्ती से ऐसे मामलों को निपटाया जाए। जमीनी विवाद में निगरानी की अहम भूमिका है। जिस अधिकारी की यह जिम्मेदारी है, वह उसे गंभीरता व ईमानदारी से निभाए। गौतमबुद्धनगर सीमावर्ती जिला है पड़ोसी राज्यों से तालमेल बड़ी समस्या है?

हां, गौतमबुद्धनगर सीमावर्ती जिला होने के कारण आपसी तालमेल बेहतर होना बड़ी जरूरत है। पहले इसके लिए सभी पड़ोसी राज्यों के बीच माह के अंतराल पर बैठकें होती थीं। इसमें अपराधियों की जानकारी का आदान प्रदान होता था। जो अपराधी एक दूसरे के यहां वारदात करते थे, उनकी गिरफ्तारी के लिए मंत्रणा कर योजना तैयार होती थी। थाना मुआयना, रात्रि विश्राम की व्यवस्था थी। कोई टीम अपराधी को पकड़ने के लिए निकलती थी तो तब तक वापस नहीं लौटती थी जब तक कि उसे दबोच न ले। अब स्थिति बदल गई है। अधिकारियों को कानून व कार्रवाई को लेकर पूरी तरह से जानकारी नहीं है। अपराध, अपराधियों के डाटा का आदान-प्रदान नहीं होता। परस्पर तालमेल होगा तो अपराध नियंत्रण प्रभावी ढंग से संभव होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.