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नई पौध के सहारे ध्वस्त किले को फिर खड़ा करेगी बसपा

बसपा सुप्रीमों मायावती के गृह जनपद में पार्टी के ध्वस्त किले को फिर से खड़ा करने के लिए युवा पर दांव लगाया जा रहा है। बीस फरवरी को बसपा ग्रेटर नोएडा में बड़ी जनसभा आयोजित कर गौतमबुद्धनगर लोकसभा सीट से सतवीर नागर को प्रत्याशी घोषित करेगी। कार्यक्रम में सपा के सुरेंद्र नागर समेत तमाम नेता भी शामिल रहेंगे। हालांकि टिकट की लड़ाई में पार्टी के कई दिग्गजों के साथ अन्य दिलों के नेता भी शामिल थे। सतवीर नागर ने सभी को पिछाड़ते हुए टिकट हासिल करने में कामयाब हासिल की है। इसके पीछे पार्टी सुप्रीमों की युवाओं के हाथ में कमान देने की रणनीति के साथ जिले में पार्टी के अंदरुनी

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 07:55 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 07:55 PM (IST)
नई पौध के सहारे ध्वस्त किले को फिर खड़ा करेगी बसपा
नई पौध के सहारे ध्वस्त किले को फिर खड़ा करेगी बसपा

धर्मेद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा : बसपा सुप्रीमो मायावती के गृह जनपद में पार्टी के ध्वस्त किले को फिर से खड़ा करने के लिए युवाओं पर दांव लगाया जा रहा है। बीस फरवरी को बसपा ग्रेटर नोएडा में बड़ी जनसभा आयोजित कर गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से सतवीर नागर को प्रत्याशी घोषित करेगी। कार्यक्रम में सपा के सुरेंद्र नागर समेत तमाम नेता भी शामिल रहेंगे। हालांकि, टिकट की लड़ाई में पार्टी के कई दिग्गजों के साथ अन्य दलों के नेता भी शामिल थे। सतवीर नागर ने सभी को पछाड़ते हुए टिकट हासिल किया। माना जा रहा है कि इसके पीछे पार्टी सुप्रीमो की युवाओं के हाथ में कमान देने की रणनीति के साथ जिले में पार्टी के अंदरुनी कलह को दूर करना भी है। कई प्रमुख दलों ने युवाओं को कमान सौंपी भी है। बसपा भी उसी राह पर चलकर अपनी नैया पार लगाना चाहती है।

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दरअसल, गत लोकसभा चुनाव में बसपा का समूचे प्रदेश में सूपड़ा साफ हो गया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा का प्रदर्शन खराब रहा। पार्टी अब सपा के साथ मिलकर अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। गौतमबुद्ध नगर सीट बसपा के लिए नाक का सवाल बन गई है। दरअसल, गौतमबुद्ध नगर बसपा का गढ़ रहा है। पहले यह सीट खुर्जा के नाम से अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी। नए परिसीमन के बाद 2009 में गौतमबुद्ध नगर के नाम से सीट बनाकर इसे सामान्य कर दिया गया। यहां के पहले सांसद बनने का गौरव बसपा के सुरेंद्र नागर को मिला। दादरी और जेवर विधानसभा में भी बसपा लंबे समय तक काबिज रही।

दादरी व जेवर से से सतवीर गुर्जर व वेदराम भाटी बसपा के टिकट पर दो-दो बार विधायक रहे। इससे पहले जेवर से बसपा के नरेंद्र कुमार व होराम ¨सह भी बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। मायावती के गृह जनपद होने का लाभ चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों को मिलता रहा है, लेकिन इसके साथ-साथ पार्टी में गुटबाजी भी बढ़ी। कुछ दिन पहले पूर्व मंत्री व बसपा के वरिष्ठ नेता करतार ¨सह नागर को हनीट्रैप में फंसाने का प्रयास भी गुटबाजी के चलते ही हुआ। जिले में पार्टी कई धड़ों में बंटी है। एक धड़ा पूर्व विधायक सतवीर गुर्जर व दूसरा गुट पूर्व विधायक वेदराम भाटी को चुनाव लड़ाने की पैरवी कर रहा था। बावजूद इसके बसपा ने वीरेंद्र डाढ़ा को पार्टी का प्रत्याशी बनाया। उन्हें हटाकर बाइक बोट के निदेशक संजय भाटी को प्रभारी घोषित किया गया। उनके खिलाफ धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद उनको भी प्रभारी पद से हटा दिया गया। संजय भाटी के हटने के बाद दूसरे दलों से जुड़े कई नेताओं के नाम भी टिकट की दौड़ में सामने आए। इनमें सपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र नागर, पूर्व मंत्री नरेंद्र भाटी, पूर्व सांसद अवतार ¨सह भड़ाना, कंवर ¨सह तंवर का नाम प्रमुख रहा। हालांकि, सुरेंद्र नागर ने खुद ही चुनाव लड़ने की अटकलों पर विराम लगा दिया था। अवतार ¨सह भड़ाना भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। उनके फरीदाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। वहीं, बसपा ने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए दनकौर के अट्टा गुजरान गांव के रहने सतवीर नागर को टिकट देने का मन बना लिया है। पार्टी जिलाध्यक्ष लखमी ¨सह ने बताया कि 20 फरवरी को ग्रेटर नोएडा में बसपा का कार्यक्रम सम्मेलन होगा। इसमें सपा नेता भी शामिल रहेंगे।


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