पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर दुपिहया वाहन नहीं भर सकेंगे रफ्तार
धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा : राष्ट्रीय राजधानी के चारों तरफ बनाया गया पेरीफेरल एक्सप्रेस वे रव
धर्मेंद्र चंदेल, ग्रेटर नोएडा :
राष्ट्रीय राजधानी के चारों तरफ बनाया गया पेरीफेरल एक्सप्रेस वे रविवार से चालू हो जाएगा। ग्रेटर नोएडा के 39 गांवों की सीमा से गुजर रहा 41 किमी लंबे क्षेत्र में एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा हो चुका है। इस क्षेत्र में कोई अवरोध बाकी नहीं है। एक्सप्रेस वे पर चढ़ने और उतरने के लिए ग्रेटर नोएडा में सिरसा व बील अकबपुर गांव के पास रैंप बनाए गए हैं। वहीं से पर्ची मिलेगी। रविवार से एक्सप्रेस वे पर बड़े वाहन दौड़ने लगेंगे, लेकिन दोपहिया वाहन नहीं चल सकेंगे। ट्रैक्टर ट्राली चलाने की भी अनुमति नहीं होगी। दोनों को रैंप पर ही रोक दिया जाएगा। यह देश का ऐसा पहला एक्सप्रेस वे है, जिस पर 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन दौड़ सकेंगे। देश के बाकी एक्सप्रेस वे पर 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चलाने की अनुमति है। तीसरा रैंप यमुना एक्सप्रेस वे पर भी बनाया जाएगा, लेकिन उसमें समय लगेगा। तब तक एक्सप्रेस वे से होते हुए आगरा, मथुरा, अलीगढ़ अथवा उससे आगे कानपुर व लखनऊ जाने वाले लोगों को पहले सिरसा गांव के कट पर उतरना पड़ेगा। वहां से करीब चार किमी चलकर परी चौक आना पड़ेगा। परी चौक से नोएडा की तरफ एक किमी चलने के बाद जीरो प्वाइंट से यमुना एक्सप्रेस वे पर चढ़ा जा सकेगा। वाहन चालकों और यात्रियों के खानपान के लिए ग्रेटर नोएडा में 41 किमी लंबे एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ दो-दो मिनी नेस्ट बनाए गए हैं। चालकों को वाहन चलाते समय नींद की झपकी न लग जाए, इसके लिए हर पांच किमी पर रंबल स्ट्रीप बनाई गई हैं। इनके ऊपर से वाहन गुजरेंगे तो चालक की नींद टूटेगी। फिलहाल पंद्रह दिन एक्सप्रेस वे पर टोल नहीं देना पड़ेगा। पंद्रह दिन बाद टोल शुरू हो जाएगा। एक्सप्रेस वे पर ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में एलइडी भी लगा दी गई हैं। रात के समय एक्सप्रेस वे पर उजाला रहेगा। पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर फिलहान दुपहिया वाहन व ट्रेक्टर ट्राली नहीं चलेंगे। चालान सुविधा तत्काल लागू कर दी गई है। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगेगा।
किशोर कान्याल, परियोजना निदेशक, पेरीफेरल एक्सप्रेस वे