धारा चार के बाद जमीन खरीदकर छुड़वा ली आबादी
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : सपा-बसपा शासन काल में बाहरी लोगों ने साठगांठ कर जमीन की खूब बंदरबांट
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : सपा-बसपा शासन काल में बाहरी लोगों ने साठगांठ कर जमीन की खूब बंदरबांट की। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण ने अधिसूचित क्षेत्र के गांवों के किसानों को लाभ देने के लिए आबादी छोड़ने का निर्णय लिया था। इसकी आड़ में सत्ता से जुड़े और प्रभावशाली लोगों ने भी खूब फायदा उठाया। उन्होंने किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रथम कार्रवाई धारा-4 के बाद जमीन खरीदी। अधिग्रहण की दूसरे चरण की कार्रवाई धारा-6 में जमीन को आबादी बताकर छोड़ दिया गया। तीनों ही प्राधिकरणों में इस तरह के तमाम मामले जांच में आ रहे हैं। करीब पांच सौ लोगों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया गया। आश्चर्य की बात यह है कि किसान अपनी आबादी को अधिग्रहण से मुक्त कराने के लिए अभी भी प्राधिकरणों के चक्कर काट रहे हैं। उनकी आबादी नहीं छोड़ी गई, लेकिन उनकी आड़ में बाहरी लोगों की आबादी को अधिगृहण से मुक्त कर दिया गया।
जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई तीन चरणों में होती है। प्रथम चरण में धारा चार के तहत अधिसूचना जारी होती है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सौ से अधिक गांवों में जमीन अधिगृहीत की गई थी। किसानों का आरोप था कि कृषि भूमि के साथ आबादी का भी अधिग्रहण कर लिया गया। किसानों की मांग पर प्रदेश सरकार ने तीनों ही प्राधिकरणों में आबादी निस्तारण समिति बनाई। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस तरह के मामलों की शिकायत शासन से की गई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मेरठ मंडल के कमिश्नर व यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन इस तरह के मामलों की जांच करा रहे हैं। जांच का जिम्मा यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर ¨सह को दिया गया है। सीईओ ने कई प्रकरणों की जांच पूरी कर ली है। तमाम ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें लोगों ने धारा-4 की कार्रवाई के बाद जमीन खरीदी। बाद में उसे वर्षों पुरानी आबादी बताकर अधिग्रहण से मुक्त करा लिया गया। सीईओ ने बताया कि नियमानुसार धारा चार के बाद खरीदी गई जमीन आबादी में नहीं छोड़ी जा सकती। ऐसे प्रकरणों में आबादी छोड़ने के आदेश निरस्त किए जाएंगे। नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को भी मेरठ मंडलायुक्त की तरफ से पत्र भेजकर इस तरह के आदेशों को निरस्त करने का आग्रह किया जाएगा। तीनों ही प्राधिकरणों में इस तरह के सैकड़ों मामले हैं। प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। कमिश्नर मेरठ डा. प्रभात कुमार ने बताया कि अनुचित तरीके से लाभ लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।