सीएजी ने की उद्यान विभाग की फाइलों को किया तलब
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : केंद्रीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने ग्रेटर नोएडा प्र
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा :
केंद्रीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उद्यान विभाग की फाइलों को भी तलब किया है। सीएजी ने अपना दायरा बढ़ा दिया है। आरोप है कि शहर में घास और झाड़ियों की कटाई के नाम पर भारी भरकम धनराशि का बिल भुगतान किया गया। हालांकि, प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद उद्यान विभाग के बिलों के भुगतान को तत्कालीन सीईओ देबाशीष पंडा ने रोक दिया था। उनके सामने 2012 से 2017 के बीच के करीब 20 करोड़ रुपये के बिल पेश किए गए।अन्य कार्यों के भी तीस करोड़ के बिल पुरानी तिथियों के दिए गए थे। इस पर सीईओ भड़क गए थे। उन्होंने पांच वर्ष पहले के बिलों को पेश करने का कारण पूछा था। विभाग द्वारा बताया गया था कि पिछले कई वर्षों में सेक्टरों में घास और झाड़ियों की कटाई, पार्क और सड़क किनारे रखरखाव करने वाले ठेकेदारों का बिल भुगतान नहीं हुआ था। वहीं परियोजना विभाग द्वारा भी सीईओ के सामने करीब पचास करोड़ के पुरानी तिथियों के बिल पेश किए गए। सौ करोड़ के बिल को देखकर सीईओ ने उनके भुगतान पर रोक लगा दी थी। बताया जाता है कि इस मामले पर अब सीएजी ने संज्ञान लिया है। सीएजी परियोजना विभाग द्वारा कराए गए निर्माण एवं विकास कार्यों, भूमि आवंटन एवं प्राधिकरण के आय, व्यय का ऑडिट कर रहा है। अब सीएजी ने उद्यान विभाग द्वारा कराए गए कार्यों की भी फाइलों को तलब किया है।