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सुविधा व संसाधनों में निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे सरकारी विद्यालय

सरकारी स्कूलों की बात होते ही आमतौर पर खस्ताहाल और संसाधन विहीन ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 06:57 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 06:57 PM (IST)
सुविधा व संसाधनों में निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे सरकारी विद्यालय
सुविधा व संसाधनों में निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे सरकारी विद्यालय

अजय चौहान, नोएडा :

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सरकारी स्कूलों की बात होते ही आमतौर पर खस्ताहाल और संसाधन विहीन विद्यालयों की तस्वीर ध्यान में आती है, लेकिन समय के साथ परिस्थितियां बदल रही हैं। सरकार और कार्पोरेट के साझा प्रयासों से तस्वीर बदल रही है। गौतमबुद्ध नगर के कई विद्यालय अब भौतिक संसाधनों में निजी स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं। हाल में बनकर तैयार सेक्टर-141 स्थित गढ़ी शाहदरा गांव का उच्च प्राथमिक विद्यालय भी इन्हीं में से एक है।

विद्यालय परिसर में पहुंचने बाद आपको यकीन नहीं होगा कि यह सरकारी विद्यालय ही है। इसका आकर्षक भवन और आधुनिक सुविधाएं सरकारी विद्यालयों को लेकर बनी आपकी सोच बदल देंगे। विद्यालय में आडिटोरियम हाल, सभी कक्षाओं में मैग्नेटिक बोर्ड, शिक्षकों के लिए अलग-अलग मीटिग रूम बने हैं। दीवारें प्रेरणादायी पेंटिग, पंचतंत्र की कहानियों और महापुरुषों की तस्वीरों से सुसज्जित हैं। पीने के लिए आरओ युक्त स्वच्छ जल, छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग माडर्न वाश रूम है। बैठने के लिए फर्नीचर युक्त हवादार कक्षाएं हैं। खेलने के लिए खेल सुविधाओं के साथ शानदार मैदान बना है। विद्यालय हाल में ही नए कलेवर में बनकर तैयार हुआ है। इसका पुनर्निर्माण सीएसआर के तहत एसएमसी कार्पोरेशन इंडिया ने किया गया। यह करीब 2.39 करोड़ की लागत से बना है।

2020 में पुनर्निर्माण के लिए हमने इस स्कूल का चयन किया। अब आधुनिक सुविधाओं से युक्त नया भवन बनकर तैयार हो गया है। हमें विश्वास है कि यहां के छात्र निजी स्कूलों के समान सुविधाएं प्राप्त कर अपने जीवन में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हम सभी छात्रों को उनके सपनों के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

-आरके मल्होत्रा, प्रबंध निदेशक एसएमसी कॉर्पोरेशन इंडिया। परिषदीय विद्यालयों में उच्च स्तरीय सुविधाएं और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए प्रयास चल रहे हैं। इसमें सीएसआर से भी काफी मदद मिल रही है। जिले में मिशन कायाकल्प के तहत जून 2022 तक सभी विद्यालयों को भौतिक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा। कई विद्यालय बनकर तैयार हो गए हैं। शिक्षकों की मेहनत से बच्चे भी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

- धर्मेंद्र सक्सेना, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।


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