सरकारी अस्पतालों को मिल सकता है निजी डॉक्टरों का साथ
जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब नया प्रयोग करने जा रहा है। जिसमें जनसेवा के इच्छुक निजी डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल में बिना वेतन इलाज करने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ ¨सह ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) से प्रस्ताव मांगा है।
जागरण संवाददाता, नोएडा:
जिले के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अब नया प्रयोग करने जा रहा है। जिसमें जनसेवा के इच्छुक निजी डॉक्टरों को सरकारी अस्पताल में बिना वेतन इलाज करने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ ¨सह ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) से प्रस्ताव मांगा है। सूत्रों की माने तो जिले के सरकारी अस्पतालों में निजी डॉक्टरों के अवैतनिक सेवा के पायलट प्रोजेक्ट की शुरूआत मेरठ जिला अस्पताल से होगी। अगर प्रयोग सफल रहा तो इस व्यवस्था को मेरठ के बाद गौतमबुद्धनगर में भी लागू किया जाएगा। जिसमें जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी, और चाइल्ड पीजीआइ शामिल होगा। इस समझौते के तहत तैयार होने वाले डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से सरकारी अस्पताल में जगह भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस नये प्रयोग से जहां निजी अस्पतालों को मरीजों के सेवा का लाभ मिलेगा, वहीं डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग को भी मदद मिलेगी।
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ये सही है कि जिला अस्पताल से लेकर अन्य सीएचसी-पीएचसी में इस वक्त डॉक्टरों की कमी है। यहां काम करने वाले डॉक्टरों पर वर्क प्रेशर ज्यादा है। और हमें डॉक्टरों की जरूरत है। लेकिन मुझे अभी इस तरह की योजना के बारे कोई जानकारी नहीं है।
डॉ. अनुराग भार्गव, सीएमओ, गौतमबुद्धनगर
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निश्चित रूप से एक बेहतर योजना होगी। जिसमें अगर आइएमए से जुड़ा कोई भी डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में जाकर बिना वेतन के काम करना चाहता है तो उन्हें स्वास्थ्य विभाग से कहकर जगह दिलाने की मांग की जाएगी।
डॉ. अर¨वद गर्ग, आइएमए, अध्यक्ष