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गुरु का स्थान नहीं ले सकता गूगल : मनोज सिन्हा

गूगल से आप हर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं लेकिन वह कभी गुरू की जगह नहीं ले सकता है। हमें अपने देश में ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करनी होगी, जिससे बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में न जाना पड़े। यह बातें केंद्रीय संचार (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने सेक्टर-62 स्थित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Sep 2018 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 05 Sep 2018 11:05 PM (IST)
गुरु का स्थान नहीं ले सकता गूगल : मनोज सिन्हा
गुरु का स्थान नहीं ले सकता गूगल : मनोज सिन्हा

जागरण संवाददाता, नोएडा :

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गूगल से आप हर ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन वह कभी गुरू की जगह नहीं ले सकता है। हमें अपने देश में ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करनी होगी, जिससे बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में न जाना पड़े। यह बातें केंद्रीय संचार (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने सेक्टर-62 स्थित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआइओएस) में शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से जुड़ी शार्ट फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया गया। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि सबके जीवन में शिक्षक दिवस का बहुत महत्व है। मैं बीएचयू का छात्र रहा हूं, जहां डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन दो बार कुलपति रहे। मनोज सिन्हा ने कहा कि देश में जब भी सर्व शिक्षा अभियान की चर्चा की जाएगी, तब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया जाएगा। उन्होंने ही इस अभियान की शुरूआत की थी। कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षकों एवं अधिकारियों ने हिस्सा लिया। आइएमएस में रंगारंग कार्यक्रम

सेक्टर - 62 स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (आइएमएस) में शिक्षक दिवस पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शिक्षको ने केक काटकर एक-दूसरे को बधाई दी। इस मौके पर संस्थान की निदेशक डॉ कुलनीत सुरी ने कहा कि एक अच्छे समाज के निर्माण में शिक्षक के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। एक अच्छा शिक्षक एक अच्छे समाज का निर्माता होता है। राजकीय परास्नातक कॉलेज में हर्षोल्लास से मनाया गया शिक्षक दिवस

सेक्टर - 39 स्थित राजकीय परास्नातक कॉलेज में शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान सभी शिक्षकों ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन को श्रद्वांजलि दी। इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्या मंजू शर्मा उपस्थित लोगों को बधाई देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने गायन, काव्य-पाठ, नुक्कड़-नाटक आदि का प्रदर्शन किया। पंचशील में मनाया गया शिक्षक दिवस

सेक्टर-91 स्थित पंचशील बालक इंटर कॉलेज, में शिक्षक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिले की शिक्षा समिति की शिक्षा अधिकारी डॉ मीना ¨सह और प्रधानाचार्य डॉ. नीरज टंडन को छात्रों ने फूलों के गुलदस्ते और अपने द्वारा बनाये गए ग्री¨टग कार्ड देकर सम्मानित किया। वहीं, स्कूल के अध्यापकों ने अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभवों साझा किए। डॉ. मीना ¨सह ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को नि:स्वार्थ भाव से विद्यार्थियों के भविष्य के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। डॉ नीरज टंडन ने कहा कि शिक्षक के शिक्षण की सार्थकता तभी है, जब वह विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दे। सनराइजविले में छात्रों ने शिक्षकों के प्रति किया सम्मान प्रकट :

सनराइजविले स्कूल में छात्रों ने शिक्षक दिवस मनाया। इस दौरान सभी शिक्षकों के प्रति आदर व सम्मान प्रकट किया गया। छात्रों का कहना था कि उनके भविष्य को आगे बढ़ाने में इन शिक्षकों का महत्तपूर्ण योगदान रहा है। इस दौरान छात्रों ने कई रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में छात्रों ने शिक्षकों को उपहार भी दिया। कार्यक्रम के समापन पर रजनी जैन ने सभी शिक्षकों और छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए आगे बढ़ने का संदेश दिया। पब्लिक स्कूल वैलफेयर समिति ने धूमधाम से मनाया शिक्षक दिवस

पब्लिक स्कूल वैलफेयर समिति की तरफ से छलेरा स्थित बारात घर में शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान समिति ने दो हजार शिक्षकों को सम्मानित किया। समिति के सचिव राजेंद्र चौहान ने आबकारी मंत्री जयप्रताप ¨सह से माध्यमिक शिक्षा परिषद की मान्यता देश के अन्य बोर्डों एवं बेसिक शिक्षा परिषद की तरह लीज पर देने की बात कही। जयप्रताप ¨सह ने कहा कि स्कूल ऐसी जगह है, जहां बच्चों के चरित्र का निर्माण किया जाता है। चरित्र निर्माण से ही एक अच्छे देश का निर्माण होता है। इस मौके पर विधायक पंकज ¨सह, पूर्व मंत्री मदन चौहान, विधायक दादरी तेजपाल नागर, पब्लिक स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक अशोक चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राम किशन प्रधान और हरेंद्र ¨सह समेत कई लोग मौजूद रहे। विद्या मंदिर में शिक्षकों को दिए गए विशेष उपहार

सेक्टर-12 स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षक दिवस मनाया गया। छात्रों के द्वारा शिक्षकों को विशेष उपहार भी दिए गए। वहीं, छात्रों ने शिक्षकों की भूमिका निभाकर बच्चों को भी पढ़ाया। इस दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य केशव प्रसाद शर्मा ने डॉ. राधाकृष्णन की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए मार्गों पर चलने की बात कही। डीपीएस में शिक्षकों ने शिक्षक दिवस पर किया काम

सेक्टर-30 स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में शिक्षक दिवस अलग तरह से मनाया गया। रंगारंग कार्यक्रम के बजाय शिक्षकों ने नियमित रूप से काम किया। इस दौरान छात्रों को सदाचार और नैतिक मूल्यों की नींव को मजबूत करते हुए अपने दैनिक व्यवहार में लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। छात्रों ने प्रण लिया कि वह एक •िाम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए शिक्षकों को पूरा आदर देंगे और उनके बताए हुए आदर्शों पर चलेंगे। प्रधानाचार्या कामिनी भसीन ने कहा कि यह एक ऐसा पेशा है, जिसमें अध्यापक छात्र से निश्छल प्रेम करते हैं। एएनएसपीए ने शिक्षक दिवस पर दी स्कूलों को बधाई

शिक्षक दिवस के अवसर पर आल नोएडा स्कूल पैरेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एपीजे स्कूल , विश्वभारती स्कूल और कैंब्रिज स्कूल के प्रधानाचार्य से मिलकर शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष यतेंद्र कसाना ने एपीजे के ¨प्रसिपल एससी तिवारी से गुरु-शिष्य की परंपरा बनाये रखने की अपील की। वहीं, सभी प्रधानाध्यापकों से फीस रेगुलेटरी बिल 2018 को पालन करने की भी मांग की। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विकास बंसल ने प्रधानाध्यापकों से अभिभावकों के साथ संवाद बनाये रखने की बात कही। संस्था के महासचिव के अरुणाचलम ने बताया कि बालभारती पब्लिक स्कूल और समरविले स्कूल में छुट्टी होने के कारण प्रधानाचार्यो से मुलाकात नहीं हो पाई।

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विश्व भारती पब्लिक स्कूल में किया गया बहिष्कार

विश्व भारती पब्लिक स्कूल के शिक्षकों ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार किया। स्कूल में हर वर्ष इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता था, लेकिन स्कूल में शिक्षकों की खराब स्थिति पर इस वर्ष इसे न मनाने का निर्णय लिया गया। शिक्षकों का कहना था कि स्कूल या बाहर बच्चों के साथ होने वाली हर घटना दुर्घटना का जिम्मेदार अध्यापक को ठहराया जाता है। उन्हें प्रताड़ित कर जेल में डाल दिया जाता है। उनकी सुरक्षा तक की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। ऐसे में शिक्षक दिवस मनाकर दिखावा करने की क्या आवश्यकता है।


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