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प्राधिकरण के दावों को आरडब्ल्यूए दिखा रही हकीकत का आइना

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा कोरोना संक्रमण काल में सैनिटाइजेशन को लेकर शुरू हुआ अभियान लगभग थम चुका है। इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सेक्टरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन एवं फॉगिंग के दावे कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 09:05 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 09:05 PM (IST)
प्राधिकरण के दावों को आरडब्ल्यूए दिखा रही हकीकत का आइना
प्राधिकरण के दावों को आरडब्ल्यूए दिखा रही हकीकत का आइना

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : कोरोना संक्रमण काल में सैनिटाइजेशन को लेकर शुरू हुआ अभियान लगभग थम चुका है। इसके बावजूद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सेक्टरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन एवं फॉगिंग के दावे कर रहा है। प्राधिकरण के इस दावे की हवा आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधि निकाल रहे हैं, जिन्हें सेक्टरों में फॉगिग एवं सैनिटाइजेशन के लिए अधिकारियों से लगातार गुहार लगानी पड़ रही।

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अब मौसमी बीमारियों ने भी दस्तक दे दी है। सर्दी, जुकाम के साथ वायरल, मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण के डर से लोग उपचार के लिए अस्पताल जाने से बच रहे हैं। बीमारियों से बचाने के लिए लोग खुद सावधानी बरत रहे हैं, लेकिन शहर में बीमारियां का बढ़ता प्रकोप रोकने में प्राधिकरण नाकाम दिख रहा है। वहीं, प्राधिकरण शहर व गांवों में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन होने का दावा कर रहा है। फॉगिग एवं दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन प्राधिकरण के यह दावे हकीकत से मेल नहीं खा रहे। सेक्टरों में सैनिटाइजेशन लगभग बंद हो चुका है। फॉगिंग भी नियमित रूप से नहीं हो रही है। इसके चलते आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों को अधिकारियों से फॉगिग व दवा के छिड़काव के लिए गुहार लगानी पड़ रही है। जबकि शासन ने प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण को फॉगिग, जलभराव समेत संक्रमित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिले का प्रभारी अधिकारी नामित कर रखा है।

फे डरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए के महासचिव दीपक कुमार का कहना है कि प्राधिकरण के दावे हवा-हवाई हैं। फॉगिग के नाम पर महज खानापूर्ति होती है। फॉगिग की मशीन जिस टेंपो में रखी होती है, वह तेज रफ्तार से गुजरता है। डेल्टा दो आरडब्ल्यूए महासचिव आलोक नागर का कहना है कि सेक्टरों में सैनिटाइजेशन पूरी तरह बंद हो चुका है। फॉगिग भी नाममात्र के लिए हो रही है। हरेंद्र भाटी का कहना है कि बुलाने पर ही प्राधिकरण के कर्मचारी फॉगिग करने आते हैं और कुछ ही हिस्से में फॉगिग कर चले जाते हैं। राजेश भाटी का कहना है कि फॉगिग आदि की जानकारी आरडब्ल्यूए को नहीं होती। प्रतिनिधियों की देखरेख में अगर फॉगिग आदि का कार्य कराया जाए तो अधिक प्रभावी होगा।


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