मानसून सीजन में मिला आयात शुल्क में छूट का उपहार
भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को वित्त मंत्रालय ने आयात शुल्क में छूट देकर मानसून गिफ्ट दिया है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को वित्त मंत्रालय ने आयात शुल्क में छूट देकर मानसून गिफ्ट दिया है। मंत्रालय के इस फैसले से एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईपीसीएच) के अंतर्गत आने वाले छोटे-छोटे निर्यातकों को काफी फायदा होगा। ईपीसीएच इस छूट की मांग बीते करीब पांच साल से कर रहा था। वर्तमान में हस्तशिल्प के कुल उत्पाद का करीब पांच फीसद शुल्क मुक्त आयात कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
भारतीय हस्तशिल्प उद्योग को गति देने के लिए राजस्व विभाग व वित्त मंत्रालय ने कुल 44 उत्पादों के निर्माण के लिए लाने वाले कच्चे माल से आयात शुल्क हटा लिया है। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। ईपीसीएच के अध्यक्ष ओपी प्रह्लादका ने बताया कि आयात शुल्क में छूट देने की मांग 2011 से की जा रही थी। अब इस मांग को मान लिया गया है। हस्तशिल्प उद्योग से छोटे-छोटे कारीगर जुड़े हैं। इन हर साल लाखों रूपये आयात शुल्क का बोझ पड़ रहा था। आयात शुल्क की बाध्यता के कारण कारीगर अपने उत्पाद में इनोवेशन नहीं कर पाते थे। छूट मिलने से इनके उत्पादों में इनोवेशन के साथ गुणवत्ता के मामले में सुधार आएगा। उन्होंने बताया कि राजस्व व वित्त मंत्रालय ने सजावट, ट्रि¨मग, औजार, केन हैंडल, गोंद, वैक्स, लेबल, टैग, सीएफएल, ग्लास मोती, लेमिनेट फिल्म, आर्ट ब्रश, फर्नीचर के लिए सजावटी मो¨ल्डग, मैग्नेट बटन समेत कुल 44 उत्पादों को आयात शुल्क से छूट दे दी गई है। - आयात शुल्क में छूट देने की मांग ईपीसीएच काफी समय से कर रहा था। 2011 से मांग को तेज कर दिया गया। अब इस मांग को मंजूरी मिल गई है। इससे उत्पाद गुणवत्ता के मामले में बेहतर साबित होगा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी विकास होगा।
-राकेश कुमार, कार्यकारी निदेशक ईपीसीएच