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जल भराव से होने वाली बीमारियों व दुर्घटना से भी संजीदा नहीं प्राधिकरण

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: बारिश का पानी निकालने के लिए शहर को प्ला¨नग के तहत बसाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 07:26 PM (IST)
जल भराव से होने वाली बीमारियों व दुर्घटना से भी संजीदा नहीं प्राधिकरण
जल भराव से होने वाली बीमारियों व दुर्घटना से भी संजीदा नहीं प्राधिकरण

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा:

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बारिश का पानी निकालने के लिए शहर को प्ला¨नग के तहत बसाया गया है। सेक्टरों की गलियों में छोटी नाली बनाई गई है। सेक्टर की मुख्य सड़क पर नाले बनाए गए हैं। छोटी नालियों को नाले से जोड़ दिया गया है। सेक्टर के बाहर मुख्य बड़े नाले बनाए गए हैं। नालों का पानी आकर मुख्य बड़े नाले में गिरता है, लेकिन सेक्टर की मुख्य सड़क पर बने नालों में कूड़ा व मलवा भरा होने से बारिश का पानी निकलने में अवरोध पैदा होगा। शहर के विभिन्न सेक्टरों में यह स्थिति देखकर प्राधिकरण के संबंधित विभाग के अधिकारी आंख मूंदे हुए है।

बारिश का पानी नालियों में जाए इसके लिए जगह-जगह नालियों पर मुहाना बनाया गया है। लेकिन देखने में आता है कि सेक्टरों में सफाई के दौरान कर्मचारी नाली के मुहाने पर ही कूड़ा जमा कर देते हैं। कई स्थानों पर मिट्टी से नालियों के मुहाने बंद हो गए हैं। साथ ही सेक्टरों में विभिन्न स्थानों पर ढलान ऐसा नहीं है कि बारिश का पानी सीधे नाली के मुहाने की ओर जाए। इन सब कारणों से आने वाले मानसून में बारिश का पानी लोगों के लिए मुसीबत बनेगा। लोगों के घरों में घुस जाता है बारिश का पानी : जिस दिन बारिश ज्यादा हो जाती है। सेक्टरों में स्थिति खराब हो जाती है। जिन लोगों के घर नीचे हैं बारिश का पानी उनके घरों में घुस जाता है। इससे लोगों की परेशानी और बढ़ जाती है। पानी बाहर निकालने के लिए लोगों को स्वयं ही आगे आना पड़ता है। नाली का गंदा पानी आ जाता है बाहर : प्राधिकरण के द्वारा नालियों की सफाई साल में सिर्फ एक बार मानसून के दौरान ही कराई जाती है। सफाई भी ज्यादातर स्थानों पर सिर्फ दिखावे की होती है।

ऐसे में सेक्टरों के अंदर नालियों में महीनों से गंदा पानी जमा है। बारिश होने पर गंदा पानी भी सड़क पर आ जाएगा। ऐसे में बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। दुर्घटना का रहता है खतरा : ज्यादा बारिश होने पर सेक्टरो में एक से दो फीट तक पानी भर जाता है। सेक्टरों में कई स्थानों पर गड्ढे हैं। साथ ही विभिन्न स्थानों पर नालियां भी खुली हुई हैं। ऐसे स्थानों से जिन लोगों का रोज का आना-जाना होता है उन्हें नाली व गड्ढे का पता होता है। दूसरे लोगों के लिए यह खतरा बन जाते हैं। वाहन चालकों व पैदल लोगों के साथ अक्सर बारिश में दुर्घटना होती है। पिछले वर्ष खुली नाली में भरे पानी में गिरने से एक बच्चे की मौत भी हो गई थी। इसके बाद प्राधिकरण अधिकारियों ने खुली नालियों को ढकने का आश्वासन दिया था। लेकिन नालियां नहीं ढकी गई।


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