Move to Jagran APP

अपनी तिजोरी भरने के लिए आवंटियों को कर दिया कंगाल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपनी तिजोरी भरने के लिए आवंटियों की

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 08:04 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 08:04 PM (IST)
अपनी तिजोरी भरने के लिए आवंटियों को कर दिया कंगाल
अपनी तिजोरी भरने के लिए आवंटियों को कर दिया कंगाल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपनी तिजोरी भरने के लिए आवंटियों की जेब पर सेंध लगाई है। मूल मुआवजे के बाद अतिरिक्त मुआवजा का फायदा भी अपने करीबियों को दिलाने के लिए किसानों की आड़ लेकर आवंटियों पर बोझ डाल दिया। प्राधिकरण को कर्जदार बनाकर अधिकारियों ने आवंटियों को भी कर्जदार बना डाला। करोड़ों रुपये के वारे न्यारे करने के वाले अधिकारियों का घोटाले में नाम सामने आने के बाद कानून से बचना भारी पड़ रहा है।

loksabha election banner

किसानों के आंदोलन के बाद कोर्ट के आदेश पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 64.7 फीसद मुआवजे के लिए सहमत होना पड़ा। लेकिन कोर्ट का आदेश न होने के बावजूद यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने दरियादिली दिखाते हुए अतिरिक्त मुआवजे दिलाने के लिए पहल कर दी। प्राधिकरण क्षेत्र में विकास कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए किसानों को अतिरिक्त मुआवजे देने की मजबूरी शासन के सामने रखी। शासन से इस मामले में फैसले के लिए समिति का गठन किया तो अधिकारियों ने समिति के सामने भी ऐसे लोगों को आगे बढ़ाया जो उनकी भाषा बोलते रहे।

अधिकारियों को अच्छी तरह से एहसास था कि सरकार अपने खजाने से अतिरिक्त मुआवजा देने का तैयार नहीं होगी। इसका हल सुझाते हुए आवंटियों पर अतिरिक्त मुआवजे का बोझ डालने की सिफारिश कर दी। उन आवंटियों को भी राहत नहीं दी गई, जिनकों प्राधिकरण वर्षों पहले भूखंड आवंटित कर चुका था और समय से भूखंड पर कब्जा तक नहीं दे पाया। 2009 की 21 हजार आवासीय भूखंड समेत शुरुआती योजना के सभी श्रेणी के आवंटियों को भी प्राधिकरण ने अतिरिक्त मुआवजे के शिकंजे में कस दिया।

किसानों के रूप में वोट की तैयार फसल और सरकारी खजाने पर कोई बोझ न पड़ता देख सरकार ने यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 64.7 फीसद मुआवजा देने का फैसला करने में तनिक भी देर नहीं की। इसका फायदा किसानों की आड़ में अधिकारियों के करीबियों व नेताओं ने उठाया। उनकी जमीन यमुना प्राधिकरण पहले ही खरीदकर मूल मुआवजा दे चुका था। अधिकारियों ने शासन से अतिरिक्त मुआवजा का आदेश जारी होते ही सबसे पहले अपने करीबियों को अतिरिक्त मुआवजा बांटा। किसान अतिरिक्त मुआवजे के लिए आज भी भटक रहे हैं। अधिकारियों के लालच की भेंट चढ़े आवंटी लाखों रुपये के अतिरिक्त मार झेल रहे हैं। इसके बावजूद आशियाने का सपना पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.