फाउंड्री उद्योग में दिया जाएगा रिसाइकल को बढ़ावा
देश में फाउंड्रियों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक फाउंड्रियों में रेत के अधिकतम ्उपयोग से रिसाइकल संयंत्र बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसे ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय 67वें इंडियन फाउंड्री कांग्रेस के वार्षिक प्रदर्शनी में सार्वजनिक किया जाएगा। ये बातें इंस्टीच्यूट आफ इंडियन फाउंड्री के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशि कुमार जैन ने एक्सपो मार्ट में कही। उन्होंने कहा कि आगरा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, कानपुर व लखनऊ के फाउंड्री इकाईयों को संयुक्त रूप से रिसाइकल संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे नदियों के तटों से रेत के खनन रोकने में भी मदद मिलेगी। पर्यावरण की मौजूदा स्थिति में सुधार होगा। व फाउंड्री के उत्पादन लागत में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की फाउंड्रियों में उत्पादन के लिए करीब दस लाखटन रेट का वार्षिक उपयोग किया जाता है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : देश में फाउंड्रियों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में फाउंड्रियों के रेत का अधिकतम उपयोग करने के लिए रिसाइकल संयंत्र बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसे ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में शुक्रवार से शुरू हुए तीन दिवसीय 67वें इंडियन फाउंड्री कांग्रेस की वार्षिक प्रदर्शनी में सार्वजनिक किया जाएगा। ये बातें इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्री के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशि कुमार जैन ने एक्सपो मार्ट में कहीं।
शशि कुमार जैन ने कहा कि आगरा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, कानपुर व लखनऊ की फाउंड्री इकाइयों को संयुक्त रूप से रिसाइकल संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे नदियों के तटों से रेत के खनन रोकने में भी मदद मिलेगी। पर्यावरण की मौजूदा स्थिति में सुधार होगा व फाउंड्री के उत्पादन लागत में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की फाउंड्रियों में उत्पादन के लिए करीब दस लाख टन रेत का वार्षिक उपयोग किया जाता है। इस प्रदर्शनी में अमेरिका, जापान, जर्मनी, इटली, इंग्लैंड आदि देशों से करीब 1200 प्रतिनिधिमंडल व दस हजार से अधिक ट्रेड विजिटर शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि उपयोग किए गए करीब 80 फीसद रेत का दोबारा उपयोग कर इससे फर्श के ब्लाक व खोखली ईंटें बनाई जा सकती हैं। इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार से आर्थिक मदद भी दिलाई जाएगी। फाउंड्रियों के उत्पादन का करीब तीस फीसद खपत ऑटो उद्योग में हो रही है। 2025 तक आटो उद्योग में करीब चार गुना उत्पादन बढ़ने का लक्ष्य है। इससे मूल्य की मांग में करीब 40 फीसद की वृद्धि होने का अनुमान है।