Move to Jagran APP

कोरोनाकाल में 'वफादारों' से बढ़ी दोस्ती

पारुल रांझा नोएडा आज के समय में कुत्ता पालना एक शौक ही नहीं बल्कि कई लोगों के लिए स्टेटस सिबल के साथ तनाव दूर करने का अच्छा माध्यम भी बन गया हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Nov 2020 08:33 PM (IST)Updated: Sat, 07 Nov 2020 08:33 PM (IST)
कोरोनाकाल में 'वफादारों' से बढ़ी दोस्ती
कोरोनाकाल में 'वफादारों' से बढ़ी दोस्ती

पारुल रांझा, नोएडा : आज के समय में कुत्ता पालना एक शौक ही नहीं, बल्कि कई लोगों के लिए स्टेटस सिबल के साथ तनाव दूर करने का अच्छा माध्यम भी बन गया हैं। यही कारण है कि शहर में लाकडाउन खुलने के बाद से ही पालतू कुत्तों की मांग बढ़ गई है। जहां पालतू कुत्ते बच्चों के टाइम पास के लिए एक अच्छा विकल्प है। वहीं, बुजुर्ग लोग भी इनके साथ खेलकर अपना तनाव दूर कर रहे हैं। साथ ही घरों का माहौल भी खुशनुमा बना रहता है। घरों में कैद बच्चों की जिद पूरी करना अधिकांश अभिभावकों की विवशता भी हो गई है। वैश्विक महामारी काल में शहर में कुत्तों की मांग करीब 35 फीसद बढ़ी है। फ्रेंडली नस्ल के कुत्तों की सबसे अधिक मांग

prime article banner

सेक्टर-120 स्थित दून पेट शॉप के संचालक मोहम्मद राशिद ने बताया कि कोरोना काल में लोगों में एक दूसरे के बीच बेशक दूरियां बढ़ी हैं, लेकिन लोगों का खिचाव घरों में पलने वाले कुत्तों की ओर हुआ है। कोई अपने बच्चों के लिए तो कोई शौक के लिए इन्हें खरीद रहा है। सबसे ज्यादा डिमांड गोल्डन रिट्रीवर, जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, शिटजू व हस्की की है। ये फ्रेंडली किस्म के कुत्ते हैं, जो परिवार के साथ जल्दी घुल-मिल जाते हैं। लोग घरों की सुरक्षा और फ्रेंडली नस्ल के कुत्तों को खरीदना पसंद कर रहे हैं।

--------- पांच से लेकर 50 हजार तक के कुत्ते हैं उपलब्ध सेक्टर-168 में पेट शाप की संचालक सामी खान ने बताया कि पहले ज्यादातर लोग पहले एक या दो कुत्ते रखना ही पसंद करते थे। लेकिन इन दिनों कई लोग ऐसे भी है जो एक साथ कई कुत्ते रख रहे हैं। पालतु कुत्ते की कीमत पांच हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक है। लोग अपनी आय के हिसाब से कुत्ते खरीद रहे हैं। कुत्ते खरीदने से पहले लोगों को उनके व्यवहार को जानने को लेकर बार प्रशिक्षण भी दिया जाता है। सेक्टर-74 स्थित सुपरटेक केपटाउन सोसायटी के निवासी वैभव ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते हुए सोसायटियों में बच्चों और बुजुर्गों का टहलना और खेलना कूदना बंद है। ऐसे में पालतू कुत्तों के सहारे खेलकूद के साथ तनाव को कम कर रहे है। वहीं, सेक्टर-78 निवासी मोनिका ने बताया कि कोरोना काल में किसी से मिलना-जुलना नहीं हो पा रहा, इस समय में कुत्ते ही साथी हैं। उनके घर में बच्चों के साथ बड़ों का भी लगाव इस दौरान कुत्तों की ओर बढ़ा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.