रवि प्रकाश सिंह रैकवार, नोएडा : आजीवन कारावास की सजा होने के बाद नाम बदलकर अपराध कर रहे शातिर आरोपित पीयूष त्यागी को बीते बृहस्पतिवार को यूपी एसटीएफ और गाजियाबाद पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। नोएडा के फेस तीन कोतवाली क्षेत्र निवासी पीयूष के खिलाफ फेस दो कोतवाली में हत्या के प्रयास और मारपीट सहित अन्य धाराओं में चार मुकदमे दर्ज हैं। गिरफ्त में आने के बाद पीयूष त्यागी ने पूछताछ के दौरान कई राज उगले। एसटीएफ फील्ड यूनिट नोएडा के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा ने बताया कि पीयूष नाम बदलने के साथ ही युवती बनकर भी अपराध करता था। पुलिस की वर्दी पहनकर भी वह कई अपराध कर चुका है। युवती के परिधान पहनकर शहर की सड़कों पर पीयूष राह से गुजर रहे युवकों को अपनी तरफ आकर्षित करता था और उसके बाद वह उनके साथ मारपीट कर पैसे लेकर फरार हो जाता था।
...... महिलाओं की तरह निकालता था आवाज
एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि युवकों का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए आरोपित हमेशा क्लीन सेव रखता था। क्लीन सेव होने के बाद आरोपित जब महिलाओं के कपड़े पहनकर कहीं जाता था तो युवक अक्सर धोखा खा जाते थे। आरोपित आवाज भी महिलाओं की तरह की निकालता था। युवा वर्ग के लोग आरोपित की निशाने पर होते थे।
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कई नाम से करता था वारदात
गिरफ्त में आया आरोपित घटना के बाद नाम बदल देता था। पीयूष के अलावा आरोपित ने अपना नाम अमित शर्मा, ओम शर्मा, त्यागी और राज शर्मा रखा हुआ था। 40 साल के पीयूष ने मेरठ से एमसीए किया है। 2006 में मामूली कहासुनी में आरोपित ने मोदीनगर में दिनेश कुमार और डॉ. हर्षवर्धन पर गोली चला दी थी, जिसमें हर्षवर्धन की मौत हो गई थी।
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2012 में जेल से छूटा
हत्या के मामले में पीयूष जेल से 2012 में छूटा। 2016 में कोर्ट ने आरोपित को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। निर्धारित तारीख को न्यायालय में पेश न होने बाद कोर्ट ने पीयूष के खिलाफ स्थाई वारंट जारी कर दिया। इसके बाद आरोपित नाम बदलकर लूट, अपहरण और मारपीट जैसे अन्य अपराध करने में सक्रिय हो गया। आरोपित 2019 में फेस दो कोतवाली क्षेत्र में साथी कुलदीप, प्रेमवीर और भीम सिंह के साथ पकड़ा गया और अपना नाम अमित शर्मा बताकर जेल चला गया। जमानत पर जेल से बाहर आते ही पीयूष फिर अपराध में सक्रिय हो गया।
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