गर्भावस्था में फोलिक एसिड की न होने पाए कमी, नहीं तो बच्चे को होगी परेशानी
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एकता सिंह ने बताया फोलिक एसिड को बी-9 और फोलेट के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर में नई स्वस्थ कोशिकाओं और खून में लाल कोशिका बनाता है।
नोएडा, जेएनएन। शहर की स्त्री रोग विशेषज्ञों ने फोलिक एसिड जागरुकता सप्ताह पर गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी को लेकर चिंता जाहिर की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए विशेषज्ञों ने बताया भारत में 65 से 75 फीसद गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी होती है। यह रोग फोलिक एसिड की कमी की वजह से होता है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. एकता सिंह ने बताया फोलिक एसिड को बी-9 और फोलेट के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर में नई स्वस्थ कोशिकाओं और खून में लाल कोशिका बनाता है। गर्भावस्था में इसकी कमी से बच्चे को तंत्रिका ट्यूब दोष (एनटीडी) होने का खतरा ज्यादा रहता है।
इस बीमारी की वजह से शिशु के विकलांग पैदा होने का खतरा रहता है। वहीं डॉ. रेनू अवाना ने बताया फोलिक एसिड आनुवंशिक बीमारियों को लगभग 70 फीसद तक कम करता है। यह बच्चों में कई अनुवांसिक विसंगतियों को रोकने में भी मदद करता है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही में 4 एमजी फोलिक एसिड टेबलेट लेना जरूरी होता है। इसकी कमी से एनीमिया और आयरन की कमी से होने वाले लक्षण दिखते हैं। जिसमें गर्भवती महिला को भूख न लगने, वजन घटने, जीभ में छाले, सिरदर्द, भुलक्कड़पन,चिड़चिड़ापन या अन्य व्यावहारिक समस्याएं ज्यादा होती हैं।
डॉ. एकता सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ, क्लाउडनाइन अस्पताल
इसकी कमी को पूरा करने के लिए गर्भवती महिलाओं को हरी पत्तेदार सब्जियां जिनमें पालक, सरसों का साग, मूली के पत्ते का सेवन अधिक करना चाहिए। मां बनने की योजना बना रही महिलाओं को पहले से ही इसका सेवन शुरू कर देना चाहिए।
डॉ. रेनू अवाना, स्त्री रोग विशेषज्ञ, अवाना क्लीनिक