एक चुभन से जागी सुनहरे कल की आस
आशीष धामा नोएडा खुली आंख से दिखाई न देने वाला कोरोना वायरस लोगों की खुशियों पर वज्र क
आशीष धामा, नोएडा : खुली आंख से दिखाई न देने वाला कोरोना वायरस लोगों की खुशियों पर वज्र की तरह टूटा था। किसी ने भाई, किसी ने बहन, तो किसी ने अपने माता या पिता को खो दिया। सेहतमंद बने रहने की खुशियां काफूर थी। डर की जद में आए लोग कोरोना महामारी से बचकर जिदा रहने के लिए मशक्कत करने लगे। नए साल के पहले माह में वैज्ञानिकों ने कोरोना का टीका तैयार किया, तो एक शीशी में राहत की वो बूंद आ गई, जो सुनहरे कल की आस जगा गई। शनिवार को राहत की इन बूंदों ने एक चुभन के साथ कोरोना योद्धाओं के शरीर में प्रवेश किया, तो उनके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार शुरू हो गया। उनके चेहरे खिल गए और जीत का जश्न मनाया। जागी सुनहरे कल की आशा :
सेक्टर-27 स्थित कैलाश अस्पताल की एडमिशन काउंसलर श्रद्धा जैसवाल बताती हैं कि कोरोना का टीका लगने से सुनहरे कल की आशा जाग गई है। पहले जहां रिश्तेदारों से मिलने में डर लगता था, घर से निकलने के बाद परिवार की फिक्र सताती थी, टीका लगने के बाद यह डर दूर हो गया है। टीके ने कोरोना रूपी जंजीरों को तोड़कर आजादी का अनुभव कराया है। टीका लगा, तब ली राहत की सांस :
सेक्टर-27 स्थित कैलाश अस्पताल के स्टाफ नर्स नाहर सिंह बताते हैं कि वैक्सीन प्रक्रिया से गुजरने के बाद अच्छा लग रहा है। घर पर माता-पिता के साये में रहने के बाद कोरोना के कारण परिवार और रिश्तेदार से ऐसी दूरी बनी कि जैसे परिवार का हिस्सा ही नहीं था। टीका लगने से अब बेफिक्र हो गया हूं। खुलकर सांस ले पा रहा हूं। लोगों से अपील करता हूं कि वे भ्रांतियों से बचें। खुद टीका लगवाएं और दूसरों को भी जागरूक करें। ये टीका बिल्कुल सुरक्षित है।
सकारात्मक ऊर्जा का हुआ संचार :
सेक्टर-30 स्थित चाइल्ड पीजीआइ के लैब टेक्नीशियन कमलेश कुमार बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैल गई हैं। लोगों को सकारात्मक सोचने की जरूरत है। सोच सकारात्मक रहेगी, तो वैक्सीन का शरीर में कोई दुष्परिणाम नहीं दिखेगा। हजारों कोरोना योद्धाओं ने ²ढ़ इच्छाशक्ति से कोरोना को मात दी है। अब उन्हें एक बार फिर अपना हौसला दिखाने की जरूरत है। टीका लगने के बाद शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है।