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यूरोपीय देशों के आर्डर चीन में शिफ्ट, निर्यातकों को झटका

कुंदन तिवारी, नोएडा वस्तु एंव सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के बाद लगातार निर्यात नीचे आ रहा

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 09:20 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 09:20 PM (IST)
यूरोपीय देशों के आर्डर चीन में शिफ्ट, निर्यातकों को झटका
यूरोपीय देशों के आर्डर चीन में शिफ्ट, निर्यातकों को झटका

कुंदन तिवारी, नोएडा

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वस्तु एंव सेवाकर (जीएसटी) लागू होने के बाद लगातार निर्यात नीचे आ रहा है। हैंडीक्रॉफ्ट उद्योग में अब तक करीब नौ फीसद से अधिक गिरावट दर्ज की जा चुकी है। हालात यह है कि निर्यातकों को अब वैश्विक स्तर पर अपनी शाक बचाना भी भारी पड़ रही है, क्योंकि यूरोपीय देशों से मिलने वाला आर्डर चीन की ओर शिफ्ट होने लगा है। इसका प्रमुख कारण वहां पर मिलने वाला उत्पाद भारतीय उत्पाद की तुलना में ढाई गुना कम कीमत पर उपलब्ध हो रहा है। यदि एक बार भारतीय गुणवत्ता के हिसाब से चीन ने आर्डर सप्लाई कर दिया तो यूरोपीय बायर्स पूरी तरह से चीन में शिफ्ट हो जाएंगे।

हैंडीक्रॉफ्ट उद्योग से जुड़े निर्यातकों का कहना है कि जीएसटी लगने के बाद जो अतिरिक्त 28 फीसद टैक्स का बोझ बढ़ा है। इससे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा और भी कड़ी हो गई है। यूरोपीय बायर्स जिस कीमत पर उत्पाद का आर्डर भारतीय निर्यातकों को थमा रहे है। वहीं आर्डर चीन में भारतीय उत्पाद की तुलना में 2.5 गुना कम कीमत पर उपलब्ध है। हाल ही में कई यूरोपीय बायर्स ने भारतीय आर्डर कैंसिल कर चीन को सौंप दिया है। यहीं नहीं यह आर्डर उन्होंने उन भारतीय सैंपल के आधार पर दिया है, जिन्हें भारतीय निर्यातकों ने आर्डर लेने के लिए यूरोपीय बायर्स को भेजा था लेकिन यह आर्डर अधिक कीमत के बाद भारत को मिलने की बजाए, चीन की ओर शिफ्ट हो गए।

इस बावत जानकारी से निर्यातकों ने एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्रॉफ्ट को भी अवगत कराई है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। वहीं काउंसिल पदाधिकारियों ने सरकार को इस पूरे मसले से अवगत कराने का आश्वासन अवश्य दिया है।

काउंसिल से प्राप्त आंकड़ों की स्थिति

वर्ग कारोबार

वर्ष 2016 (अप्रैल से अक्टूबर)15,411.36 करोड़ रुपये

वर्ष 2017 (अप्रैल से अक्टूबर)13,909.21 करोड़ रुपये

निर्यात गिरावट 9.75 फीसद

आर्डर लगातार भारतीय निर्यातकों के हाथ से खिसक रहा है। चूंकि जीएसटी लागू होने के बाद से 28 फीसद टैक्स सरकार को चुकाना पड़ रहा है। जबकि पहले यह कारोबार टैक्स फ्री था। अब छोटा कारीगर कहां से टैक्स का बोझ वहन कर सकता है। बड़ा कारोबारी उसका टैक्स देना नहीं चाहता है। जो समस्या गंभीर बना रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले नौ फीसद से अधिक की गिरावट हो चुकी है।

-राजेश कुमार जैन, पूर्व उपाध्यक्ष, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्रॉफ्ट

जीएसटी के चक्कर में ऐसे कारोबार को उलझा दिया गया है कि निर्यातकों को समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करें। लगातार आर्डर हाथ से निकलता जा रहा है। जिसकी भरपाई करना निर्यातकों के अब बस में नहीं रहा है।

-डीडी तिवारी, निदेशक, मिथिला हैंडीक्रॉफ्ट


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