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डीपीएस के तीन कोआर्डिनेटर की तरफ घूमी जांच की सूई

ग्रेटर नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल डीपीएस में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की छात्रा से दुष्कर्म के मामले में डीपीएस प्रबंधन की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। प्रधानाचार्य रेणु चतुर्वेदी व शिक्षिका हिना को पुलिस लापरवाही के मामले में पहले ही आरोपित बना चुकी है। अब डीपीएस के तीन कार्डिनेटर की तरफ पुलिस की जांच की सुई घूम गई है। दुष्कर्म के मामले में लापरवाही की आरोपित बनाई गई क्लास टीचर हिना की कॉल डिटेल से पता चला है कि हिना ने बच्ची के उत्पीड़न की जानकारी तीन कार्डिनेटर को दी थी, लेकिन कार्डिनेटर की तरफ से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई और सूचना प्रबंधन को नहीं दी गई। पुलिस तीनों कार्डिनेटर को भी लापरवाही के मामले में आरोपित बना सकती है। वहीं बच्ची के परिजन बृहस्पतिवार को सीओ प्रथम अमित किशोर से मिलने पहुंचे। परिजन ने प्रधानाचार्य व क्लास टीचर को गिरफ्तार करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Aug 2018 11:12 AM (IST)Updated: Fri, 24 Aug 2018 11:12 AM (IST)
डीपीएस के तीन कोआर्डिनेटर की तरफ घूमी जांच की सूई
डीपीएस के तीन कोआर्डिनेटर की तरफ घूमी जांच की सूई

प्रवीण विक्रम ¨सह, ग्रेटर नोएडा : डीपीएस दुष्कर्म मामले में स्कूल प्रबंधन की मुश्किलें लगातार बढ़ रही है। प्रधानाचार्य रेणु चतुर्वेदी व शिक्षिका हिना को पुलिस लापरवाही के मामले में पहले ही आरोपित बना चुकी है। अब डीपीएस के तीन कोआर्डिनेटर की तरफ पुलिस की जांच की सुई घूम गई है। दुष्कर्म के मामले में लापरवाही की आरोपित बनाई गई क्लास टीचर हिना की कॉल डिटेल से पता चला है कि हिना ने बच्ची के उत्पीड़न की जानकारी तीनों कोआर्डिनेटर को दी थी, लेकिन कोआर्डिनेटर की तरफ से मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई और सूचना प्रबंधन को नहीं दी गई। पुलिस तीनों कोआर्डिनेटर को भी लापरवाही के मामले में आरोपित बना सकती है। वहीं बच्ची के परिजन बृहस्पतिवार को सीओ प्रथम अमित किशोर से मिलने पहुंचे। परिजन ने प्रधानाचार्य व क्लास टीचर को गिरफ्तार करने की मांग की है। पुलिस ने परिजन को बताया कि मामले में केंद्रीय मंत्रालय से दबाव है, इसके बाद भी प्रधानाचार्य को आरोपित बनाया गया। पुलिस ने परिजन को आश्वासन दिया है कि जल्द ही आरोपित गिरफ्तार होंगे।

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उल्लेखनीय है कि डीपीएस में पढ़ने वाली नर्सरी की छात्रा से लाइफ गार्ड चंडीदास ने दुष्कर्म किया था। वह अप्रैल से छात्रा के साथ गलत काम कर रहा था। यह बात 12 जुलाई को परिजन को तब पता चली, जब छात्रा का मेडिकल दिल्ली स्थित जीटीबी अस्पताल में कराया गया। मेडिकल में छात्रा के साथ सेक्सुअल असाल्ट व इंजरी इन प्राइवेट पार्ट की पुष्टि हुई थी। मेडिकल में पुष्टि होने के बाद परिजन जब स्कूल पहुंचे तो छात्रा ने अंगुली से इशारा करके बताया था कि चंडीदास उसके साथ गलत काम करता था। इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन मामले को दबाने में जुटा रहा। परिजन की शिकायत पर पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपित चंडीदास को गिरफ्तार किया था। स्कूल प्रबंधन ने पीड़ित परिजन को फोन पर धमकी दी थी और चुप रहने की सलाह दी थी। इसकी रिकॉर्डिंग भी परिजन ने पुलिस को दी थी।

प्रधानाचार्य ने कार्रवाई के बजाय किया गुमराह : पुलिस ने जांच में प्रधानाचार्य के संदेश को भी शामिल कर लिया है। दुष्कर्म की घटना के बाद खबरें जब मीडिया में प्रकाशित हुई तो 15 जुलाई यानी रविवार को प्रधानाचार्य की तरफ से सभी अभिभावक के मोबाइल पर संदेश भेजा गया था कि स्कूल में कोई घटना नहीं हुई है। मीडिया बिना साक्ष्य के खबरें प्रकाशित कर रही है। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद भी प्रधानाचार्य दुष्कर्म की घटना को झुठलाती रही थी। यह बात अभिभावक को नागवार गुजरी और उन्होंने इसका विरोध किया था। विरोध के चलते पुलिस ने जांच में यह संदेश शामिल कर लिया है, यह संदेश स्कूल प्रबंधन के खिलाफ साक्ष्य बना है।

क्लास टीचर को पहले दी थी सूचना : पुलिस का कहना है कि पीड़िता की मां ने स्कूल प्रबंधन को अप्रैल में फोन कर कहा था कि उनकी बेटी स्वी¨मग पूल में जाने से डर रही है। पीड़िता की मां ने जब यह बात क्लास टीचर को बताई तो क्लास टीचर ने तीन कोआर्डिनेटर को सूचना दी थी कि बच्ची की काउंस¨लग करें। लेकिन इसके बाद कोआर्डिनेटर की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई और मामला अपने तक की सीमित रखा गया।

परिजन को भरोसा दिलाया गया है कि कार्रवाई लगातार जारी है। प्रधानाचार्य व क्लास टीचर का नाम जांच में पहले ही शामिल किया जा चुका है।

आशीष श्रीवास्तव, एसपी देहात


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