सिर में फंसी रही गोली, डॉक्टरों ने पट्टी बांध दी
जिला अस्पताल व दनकौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डॉक्टरों ने एक व्यक्ति सिर में फंसी गोली के घाव को मामूली चोट मानते हुए मरहम पट्टी के बाद उसे घर भेज दिया। तीन दिन बाद जब व्यक्ति के सिर में अचानक तेज दर्द उठा तो परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे। यहां एक्सरे जांच में पता चला कि युवक के सिर में गोली फंसी है। जिससे परिजन के होश उड़ गए। डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ शुक्रवार दोपहर परिजन ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इमरजेंसी परिसर के बाहर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, नोएडा :
जिला अस्पताल व दनकौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। डॉक्टरों ने एक व्यक्ति के सिर में फंसी गोली के घाव को मामूली चोट मानते हुए मरहम पट्टी के बाद उसे घर भेज दिया। तीन दिन बाद जब व्यक्ति के सिर में अचानक तेज दर्द उठा, तो परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे। यहां एक्सरे जांच में पता चला कि युवक के सिर में गोली फंसी है। जिससे परिजनों के होश उड़ गए। डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ शुक्रवार दोपहर परिजन ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इमरजेंसी परिसर के बाहर प्रदर्शन किया।
पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक दनकौर के डूंगरपुर रीलका गांव में रहने वाले शरीफ खान व अन्य लोगों पर गांव के कुछ युवकों ने चार अगस्त को अंधाधुंध गोलियां बरसाई थी। इसमें एक गोली पीड़ित के सिर में लगी थी। मामले की जांच कर रही दनकौर कोतवाली पुलिस ने सभी पीड़ित को दनकौर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था। जहां डॉक्टरों ने गोली लगने वाली जगह को मामूली घाव मानते हुए एमएलसी के बाद पीड़ित को एक्सरे जांच के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। अगले दिन 6 अगस्त की सुबह दनकौर कोतवाली का एक सिपाही एक्सरे-जांच के लिए पीड़ित को जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। यहां भी डॉक्टरों ने गोली लगने वाली जगह को एक्सरे-रिपोर्ट से पहले घाव वाली जगह पर मरहम पट्टी करके घर भेज दिया। दोनों ही स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर सिर में फंसी गोली के घाव को पहचानने में नाकाम रहें। परिजन का आरोप है कि अगर डॉक्टरों ने ठीक तरह से घाव को देखा होता, तो उन्हें पीड़ित के सिर में फंसी हुई गोली दिखाई देती। लेकिन डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है। इसलिए ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इसपर जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना शर्मा ने बताया कि सर्जन डॉक्टर ने एक्सरे जांच रिपोर्ट आने से पहले पीड़ित की मरहम पट्टी करने के बाद उसे अगले दिन जांच रिपोर्ट के साथ इलाज के लिए बुलाया था। लेकिन कोतवाली पुलिस की ओर से तीन दिनों कोई भी जांच रिपोर्ट लेने के लिए नहीं पहुंचा। इस मामले में कोतवाली पुलिस व पीड़ित की ओर से देरी की गई है।
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जिला अस्पताल में ग्रामीणों द्वारा प्रदर्शन की जानकारी मिली थी। मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजकर ग्रामीणों को शांत कराया गया। मामले की जांच चल रही है। फिलहाल पीड़ित को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है।
- डॉ. अनुराग भार्गव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी