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जिम्स में डीएनबी पाठ्यक्रम की शुरुआत

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में बुधवार से डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड (डीएनबी) पाठ्यक्रम की शुरुआत हो गई। यहां अब मेडिकल के विद्यार्थी परास्नातक स्तर की पढ़ाई कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 09:12 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 09:12 PM (IST)
जिम्स में डीएनबी पाठ्यक्रम की शुरुआत
जिम्स में डीएनबी पाठ्यक्रम की शुरुआत

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में बुधवार से डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड (डीएनबी) पाठ्यक्रम की शुरुआत हो गई। यहां अब मेडिकल के विद्यार्थी परास्नातक स्तर की पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एजुकेशन (एनबीई) की तरफ से 14 सीट के लिए मई में ही अनुमोदन मिल गया था। पढ़ाई के लिए छह विद्यार्थी आ चुके हैं, जबकि आठ और आएंगे। इनका चयन नीट पीजी के परिणाम के आधार पर हुआ है।

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जिम्स के निदेशक ब्रिगेडियर डॉक्टर राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि संस्थान में 100 सीट के साथ एमबीबीएस की पढ़ाई पिछले वर्ष शुरू हुई थी। चिकित्सा के विद्यार्थी परास्नातक की पढ़ाई एमडी व एमएस और डीएनबी के जरिये कर सकते हैं। सभी की मान्यता बराबर होती है। जिम्स की तरफ से डीएनबी की पढ़ाई के लिए एनबीई को पिछले वर्ष अक्टूबर में 20 सीट का प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें मेडिसिन, बाल रोग, एनस्थेसिया और स्त्री व प्रसूति रोग की पढ़ाई शामिल थी। एनबीई की तरफ से मई में 14 सीट के साथ पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति मिल गई थी। इसके तहत बाल रोग, मेडिसिन और एनस्थेसिया विभाग में चार सीट के साथ पढ़ाई शुरू होगी। वहीं, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में दो सीटों पर पढ़ाई होगी।

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम शुरू होने से अब यहां से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर निकलने वाले विद्यार्थियों को अन्य संस्थानों का रुख नहीं करना पड़ेगा। वहीं, 14 सीट पर दाखिला होने पर संस्थान को नए डॉक्टर मिलेंगे। पढ़ाई प्रयोगात्मक होने से फायदा सीधे तौर पर मरीजों को भी मिलेगा। जिम्स से जुड़ना गौरव की बात : नरेंद्र भूषण

जासं, ग्रेटर नोएडा : जिम्स में डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू होने के उपलक्ष्य में उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। संस्थान के पतंजलि सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण रहे। उन्होंने नए विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा जिम्स जैसे संस्थान से जुड़ना गौरव की बात है। संस्थान कोरोना संक्रमितों की देखभाल के साथ जिले के सभी अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है। उन्होंने दावा किया कि यही वजह है कि जिले में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर प्रदेश की नहीं, देश में सबसे से कम है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर शिखा सेठ ने संस्थान की उपलब्धियों की एक वर्ष की रिपोर्ट पेश कीं। डीन डॉक्टर रंभा पाठक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।


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