स्कूलों में मॉर्निंग असेंबली पर लगाई रोक
शहर में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए जिलाधिकारी ने सभी परिषदीय व निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि मॉर्निंग असेंबली व बाहरी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाने के निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : दिवाली के बाद सोमवार से स्कूल खुल रहे हैं, जिसको देखते हुए विद्यार्थियों को प्रदूषण से बचाव के लिए जिलाधिकारी बीएन ¨सह ने सभी स्कूलों को मॉर्निंग असेंबली व सभी तरह की बाहरी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदूषण से निपटने के लिए तैयार किए गए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस ऐक्शन प्लान) का अनुपालन करते हुए जिलाधिकारी ने उक्त आदेश दिया है। ग्रेप के मुताबिक पीएम-10 की मात्रा 430 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर व पीएम-2.5 की मात्रा 250 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा होने पर लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कुछ विशेष कदम उठाए जाने हैं। इसी क्रम में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए डीएम ने स्कूलों में होने वाली सभी तरह की बाहरी गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
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दिवाली के बाद सोमवार को खुल रहे स्कूल :
दिवाली की छुट्टियों के बाद सोमवार से जिले के स्कूल खुल रहे हैं। शहर में जिस तरह से प्रदूषण पिछले कुछ दिनों से खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। उसको लेकर अभिभावक भी खासे ¨चतित हैं। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए अभिभावकों ने भी अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर ¨चता जताई है। उल्लेखनीय है कि एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) पर प्रदूषण कुछ दिनों से 400 के पार बना हुआ है। इसमें भी खतरनाक पीएम-2.5 व पीएम 10 की मात्रा औसत से काफी ज्यादा बढ़ी हुई है। एक्यूआई पर रविवार को प्रदूषण 431 एसपीएम दर्ज किया गया। इसमें भी पीएम 2.5 की औसत मात्रा 431 व पीएम-10 की औसत मात्रा 377 एसपीएम दर्ज की गई।
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दिवाली के बाद खराब हुई स्थिति :
दिवाली से पहले तक प्रदूषण में कभी-कभार थोड़ी गिरावट भी देखने को मिल रही थी, लेकिन दिवाली के बाद हुई आतिशबाजी व पटाखों के कारण वातावरण में व्यापक स्तर पर प्रदूषण हुआ, जिसके बाद से ही एक्यूआई पर प्रदूषण 400 के पार बना हुआ है। वातावरण में जिस तरह से प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है, उसको देखते हुए डॉक्टर भी मार्निंग वॉक, जॉ¨गग इत्यादि से बचने की सलाह दे रहे हैं।
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कूड़ा जलाने पर नहीं लग रही रोक :
खास बात यह है कि कूड़े जलाने की घटनाओं पर भी रोक नहीं लग पा रही है। आए दिन शहर में कूड़ा जलाने की घटनाएं सामने आती हैं, जो प्रदूषण का प्रमुख कारक हैं। ग्रेप प्लान के मुताबिक भवन निर्माण के दौरान और सड़कों के किनारे उड़ने वाली धूल, कूड़ा जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के साथ ही उद्योगों द्वारा किए जाने वाले वायु प्रदूषण व कंडम वाहनों को प्रतिबंधित किए जाने पर विशेष फोकस किया जाना था, लेकिन शहर में प्रदूषण के लिए यही कारक जिम्मेदार साबित हो रहे हैं।
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यह है वायु गुणवत्ता का आधार -
प्रदूषण (एसपीएम में) श्रेंणी
0 से 50 अच्छा
50 से 100 संतोषप्रद
100 से 200 सामान्य
200 से 300 खराब
300 से 400 बहुत खराब/खतरनाक
400 से ऊपर गंभीर/आपातकालीन
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प्रदूषणकारी तत्व औसत कम अधिकतम
पीएम 2.5 431 310 500
पीएम 10 377 202 482