धू-धू कर जला अहंकारी रावण, धूमधाम से मना दशहरा
गौर सिटी के राधा कृष्ण पार्क में 45 फिट का रावण व 40-40 फिट के कुंभकरण व मेघनाद के पुतले का दहन किया गया। इससे पहले रामलीला का मंचन किया गया। जिसमें मेघनाद वध कुभकरण वध को दर्शाया गया। इसके बाद राम व रावण की सेना के बीच भयंकर युद्ध हुआ। अंत में राम व रावण के बीच घोर युद्ध का मंचन किया गया। दोनों सेनाएं युद्ध करते करते राधा कृष्ण पार्क से गौर सिटी स्टेडियम पहुंची। जहां विभीषण के कहने पर भगवान राम ने रावण
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : गौर सिटी के राधाकृष्ण पार्क में 45 फिट का रावण व 40-40 फिट के कुंभकरण व मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। इससे पहले रामलीला का मंचन किया गया। जिसमें मेघनाद और कुभकरण के वध को दर्शाया गया। इसके बाद राम व रावण की सेना के बीच भयंकर युद्ध हुआ। अंत में राम व रावण के बीच युद्ध का मंचन किया गया। दोनों सेनाएं युद्ध करते हुए राधाकृष्ण पार्क से गौर सिटी स्टेडियम पहुंची। जहां विभीषण के कहने पर भगवान राम ने रावण की नाभि में तीर मारा। तीर लगते ही रावण धराशायी हो गया। जिसके बाद रावण कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन किया गया। बता दें कि रामलीला मंचन में दैनिक जागरण ने मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाई है। श्रीराम लीला सेवा ट्रस्ट के आयोजकों ने बताया कि रावण दहन की तैयारियों के साथ ही लोगों की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। रावण दहन के दौरान अग्निशमन यंत्रों की भी व्यवस्था की गई थी। रावण दहन के बाद मेले में लगी दुकानों पर लोगों का हुजूम उमड़ा। मेले में बच्चों के लिए विशेष तरह के झूलों की व्यवस्था की गई थी, जिसका बच्चों ने जमकर आनंद लिया। वहीं, विभिन्न घरेलू वस्तुओं की खरीद के लिए महिलाओं का भी दुकानों पर जमावड़ा लगा रहा। रावण दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व माना जाता है। रावण दहन पर इस संदेश के बाद पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया गया। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए गौर सिटी स्टेडियम में ईको फ्रेंडली रावण, कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया। इसके साथ ही श्री रामलीला सेवा ट्रस्ट समिति के कार्यकर्ताओं ने मंचन के दौरान दर्शकों को प्लास्टिक का प्रयोग न करने की शपथ दिलाई।