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आइपीएल मैच में आनलाइन सट्टा, 40 मोबाइल व 21 लाख बरामद

ाइपीएल में ऑनलाइन सट्टा, 21 लाख व 40 मोबाइल बरामद मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा: यूपी एसटीएफ की लख

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Apr 2018 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 11:00 PM (IST)
आइपीएल मैच में आनलाइन सट्टा, 40 मोबाइल व 21 लाख बरामद
आइपीएल मैच में आनलाइन सट्टा, 40 मोबाइल व 21 लाख बरामद

ाइपीएल में ऑनलाइन सट्टा, 21 लाख व 40 मोबाइल बरामद

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मनीष तिवारी, ग्रेटर नोएडा:

यूपी एसटीएफ की लखनऊ व नोएडा टीम ने कासना कोतवाली क्षेत्र की जेपी ग्रींस सोसायटी में छापेमारी की। जहां पर आइपीएल लीग में ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया। टीम ने उनके पास से 21 लाख की नकदी, 40 मोबाइल फोन, तीन लैपटाप, वाई फार्म माडम, मोबाइल ¨सग्नल बूस्टर एंटीना, एक एलइडी टीवी व ¨प्रटर बरामद किया। सट्टे में पैसा लगाने वाले लोगों के विषय में टीम जानकारी जुटा रही है।

टीम को मुखबिर से सूचना मिली थी कि आइपीएल क्रिकेट में ऑनलाइन सट्टा खेला जा रहा है। जिसके बाद टीम सक्रिय हो गई थी। पुख्ता जानकारी के बाद टीम ने सोसायटी के एक फ्लैट में छापा मारा। जहां पर सट्टे का काम चल रहा था। टीम को देखते ही सट्टा संचालक भागने लगे। टीम ने सभी को पकड़ लिया। जिनकी पहचान श्याम आगरा निवासी श्याम बोरा, शैलेश, अंकित व सोनीपत निवासी जतिन के रूप में हुई है। टीम को पता चला है कि दिल्ली-एनसीआर में सट्टे के छोटे-छोटे केंद्र हैं। जो एक दूसरे से जुड़े हैं। जहां पर प्रतिदिन करोड़ों रुपये का सट्टा लगता है। टीम मामले की जांच में जुटी है।

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-दिल्ली-एनसीआर में दस हजार से अधिक लोग खेलते हैं आइपीएल में सट्टा

आइपीएल में ऑनलाइन सट्टे के खेल में दिल्ली एनसीआर के दस हजार से अधिक लोग शामिल हैं। जिसमें नेता, अधिकारी, बिजनसे मैन भी हैं। सट्टा संचालन से जुड़े लोगों के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न स्थानों पर छोटे-छोटे केंद्र का संचालन किया जाता है। रेट तय होने के बाद पैसा नकद एकत्र किया जाता था। मैच समाप्त होने के अगले दिन सारा हिसाब होता था। आशंका है कि सट्टा संचालकों के तार आइपीएल टीम व मैनेजमेंट से जुड़े हैं। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से पूछताछ में अहम खुलासे हो सकते हैं। जिसमें कई बड़े नाम भी सामने आ सकते हैं।

जांच में टीम को पता चला है कि संचालकों के द्वारा पिछले लंबे समय से सट्टा संचालन का काम किया जाता है। पुलिस या एसटीएफ की नजर से बचने के लिए संचालक हाई-फाई सोसायटी या होटल का सहारा लेते हैं। जिस स्थान से एसटीएफ ने संचालकों को गिरफ्तार किया है। उस सोसायटी में आइएएस, आइपीएस अधिकारियों के साथ ही नेता, बड़े-बड़े बिजनेसमैन रहते हैं। पता चला है कि दिल्ली-एनसीआर में एक दर्जन से अधिक स्थानों पर सट्टे का केंद्र बनाया गया है। जब टीम ने सट्टेबाजों को पकड़ा तो चेन्नई सुपर ¨कग व राजस्थान रायल्स के बीच चल रहे मैच में सट्टा लग रहा था। टीम को पता चला है कि एक-एक केंद्र पर पचास लाख रुपये तक का सट्टा लगता है। सट्टा संचालन में सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाती है। पकड़ा गया श्याम बोरा मुख्य संचालक है। अंकित के द्वारा सट्टे का रेट तय किया जाता है। जबकि जतिन पैसा एकत्र करने का काम करता है। जिस दिन मैच प्रमुख टीमों के बीच होता है सट्टे का रेट बढ़ा दिया जाता है। जो व्यक्ति सट्टा जीतता या हारता है अगल दिन उसका हिसाब कर दिया जाता है। संचालकों के पास से टीम को जो मोबाइल फोन मिले हैं उसकी जांच की जा रही है। जिसमें सट्टा लगाने वालों के मोबाइल नंबर हैं।


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