प्राधिकरण की नासमझी से हो सकती थी कानून व्यवस्था की दिक्कत
जागरण संवाददाता नोएडा एक्सप्रेस-वे कोतवाली क्षेत्र के नंगली वाजिदपुर गाव में बुधवार को प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था की दिक्कत हो सकती थी। बताया गया है कि प्राधिकरण की तरफ से महज एक दिन पहले मंगलवार शाम पुलिस को पत्र भेजकर फोर्स की माग की गई।
जागरण संवाददाता, नोएडा : एक्सप्रेस-वे कोतवाली क्षेत्र के नंगली वाजिदपुर गाव में बुधवार को प्राधिकरण द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान कानून व्यवस्था की दिक्कत हो सकती थी। बताया गया है कि प्राधिकरण की तरफ से महज एक दिन पहले मंगलवार शाम पुलिस को पत्र भेजकर फोर्स की माग की गई। पुलिस की तरफ से फोर्स देने को समय मागा गया तो प्राधिकरण के अधिकारी संबंधितों को फोन करते रहे।
नंगली वाजिदपुर गाव में जिस जमीन से कब्जा हटाया गया है, उस जमीन पर 1981 से विजय सिंह नाम के किसान का कब्जा है। किसान ने आरोप लगाया है कि उन्होंने मुआवजा नहीं उठाया था। इसके बाद भी प्राधिकरण ने जमीन को अधिग्रहण कर इसे सपा नेता मनोज चौहान व अन्य के नाम कर दी। मनोज चौहान पक्ष को कब्जा दिलाने के लिए पुलिस को एक दिन पहले पत्र भेजकर सूचना दी गई और अतिरिक्त पुलिस बल मागा गया। कोतवाली प्रभारी की तरफ से जब इस संबंध में कुछ अधिक समय मागा गया तो प्राधिकरण के अधिकारियों ने अलग तरह से दबाव बनाना शुरू कर दिया।
किसान विजय सिंह ने बताया कि उन्होंने 1981 में यह जमीन अपने पत्नी के नाम धर्मपाल से खरीदी थी। उसके बाद से वह जमीन पर काबिज है। उनके द्वारा मुआवजा नहीं उठाया गया है। उनकी बात को अनसुना कर जबरन जमीन अन्य लोगों के नाम प्राधिकरण ने कर दी। बुधवार को हुई कार्रवाई के दौरान जितना पुलिस बल मौजूद रहना चाहिए था, उसके मुकाबले कम रहा। इसका मुख्य कारण कम समय में पुलिस पर कब्जा दिलवाने का दबाव बनाना था। यदि कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती तो हालात बिगड़ सकते थे। सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि इस प्रकरण में प्राधिकरण के एक अधिकारी ने पुलिस के एक अधिकारी को फोन कर जबरन तत्काल फ़ोर्स देने का दबाव बनाया, तो दोनों के बीच तनातनी की स्थिति भी उत्पन्न हो गई।