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नशे व तनाव से युवाओं में बढ़ रहा अवसाद

नशे और तनाव की वजह से जिले में दिन-ब-दिन अवसाद के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हैरानी की बात यह है कि इसके सबसे ज्यादा शिकार युवा हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Oct 2018 05:26 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 05:26 PM (IST)
नशे व तनाव से युवाओं में बढ़ रहा अवसाद
नशे व तनाव से युवाओं में बढ़ रहा अवसाद

मोहम्मद बिलाल, नोएडा : नशे और तनाव की वजह से जिले में दिन-ब-दिन अवसाद के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हैरानी की बात यह है कि इसके सबसे ज्यादा शिकार युवा हो रहे हैं। साथ ही इसी बीमारी से युवाओं को जागरूक करने के लिए जिले में जागरूकता अभियान का आयोजन किया जा रहा है। जिला अस्पताल में मानसिक रोगी विशेषज्ञ डॉ. तनुजा गुप्ता की मानें तो नशा और पढ़ाई के बढ़ते दबाव के साथ ही नौकरी व बदलती जीवनशैली की वजह से ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि अस्पताल के मानसिक रोग विभाग में प्रतिदिन 50 से 60 की ओपीडी रहती है, लेकिन इसमें 10 से 20 मरीज केवल युवा ही हैं। यदि जीवनशैली में बदलाव कर युवा व्यायाम और योग के साथ नशे की लत को छोड़ दें तो इस बीमारी से बचा सकता है।

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बच्चों और महिलाओं में बड़ी समस्या

एसीएमओ डॉ.भारत भूषण ने बताया कि पूरे देश में 80 प्रतिशत लोग अवसाद से ग्रस्त है। काम व टेंशन की वजह से देश की 80 फीसद महिलाएं तथा 43 फीसद पुरुष मानसिक बीमारी के शिकार हो चुके हैं। हैरानी जनक बात यह सामने आई है कि अधिकतर लोग अपनी बीमारी को छिपाकर रखते हैं। आगे जाकर यही बीमारी उनके लिए घातक सिद्ध होती है। नई पीढ़ी केवल मोबाइल पर ही गेम खेलकर मनोरंजन करती है। उन्हें इतना नहीं पता कि मोबाइल उनके लिए मानसिक रोग पैदा कर रहा है। पढ़ाई के अलावा बच्चे मोबाइल पर लगे रहते हैं। इन बच्चों ने वर्तमान में मोबाइल को अपना स्टेट्स ¨सबल बना लिया है। वक्त के मुताबिक पेरेंट्स भी इन बच्चों के आगे बेबस हो चुके हैं। अधिकतर समय मोबाइल में लगे रहना। इससे उनकी स्मरण शक्ति कमजोर हो रही है। बच्चों के दिमाग पर असर पड़ रहा है। कई घातक बीमारियों के वे शिकार हो रहे हैं। कई बच्चे ऐसे हैं जिन्हें मानसिक बीमारी की सारी उम्र के लिए दवाई लग चुकी है।

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अवसाद के लक्षण

- सामाजिक लोगों से कटाव और अकेले रहना

- कामकाज में असामान्यता

- खेल में अरुचि, स्कूल में असफल रहना

- एकाग्रता में समस्या, याददाश्त कमजोर होना, या समझने में मुश्किल होना

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अवसाद कैसे करें दूर

- खुद को व्यस्त रखें

- यथार्थवादी लक्ष्य निर्धारित करें

- सामाजिक रूप से सक्रिय हों

- धैर्य रखें

- महत्वपूर्ण निर्णय लेने में वक्त लगाएं


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