सर्जिकल वार्ड में भर्ती हो रहे डेंगू और वायरल के मरीज
जिला अस्पताल में डेंगू संदिग्ध के इलाज के लिए मेडिसिन वार्ड के बेड
जागरण संवाददाता, नोएडा :
जिला अस्पताल में डेंगू संदिग्ध के इलाज के लिए मेडिसिन वार्ड के बेड फुल होने से मरीजों को सर्जिकल वार्ड में भर्ती करना पड़ रहा है। वहीं कई मरीज को बेड नहीं होने पर वापस भी किया जा रहा है।
दरअसल अस्पताल में डेंगू मरीजों के उपचार के लिए 14 बेड हैं, जो भरे हैं। मेडिसिन वार्ड में जिन मरीजों की प्लेटलेट कम है उनका इलाज किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक बिस्तर पर मच्छरदानी लगी है, लेकिन शुक्रवार को अस्पताल का मेडिसिन वार्ड भी भर गया। सीएमएस डॉ सुषमा चंद्रा ने बताया कि डेंगू के मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए 25 मच्छरदानी मंगाई है। लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है। अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है। इमरजेंसी से जल्दी दे रहे छुट्टी
बुखार के साथ उल्टी और दस्त की शिकायत के साथ अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में रोजाना लगभग 500 मरीज आ रहे हैं। चूंकि डेंगू, वायरल, कोरोना और डायरिया के लक्षण एक समान हैं। इसलिए इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का दबाव बढ़ने पर डाक्टर एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर इलाज कर रहे हैं। दबाव अधिक होने से मरीजों को प्राथमिक उपचार देने या कुछ देर तक रखने के बाद ही उन्हें छुट्टी दी जा रही है।
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निजी अस्पतालों में इलाज को मजबूर डेंगू :
डेंगू के मरीज बढ़ने के साथ ही जिला अस्पताल में सेहत सहूलियतें दम तोड़ रही हैं। इलाज और बेड न मिलने के कारण मरीज निजी अस्पताल जाने को मजबूर है। जहां उन्हें वित्तीय लूट का शिकार होना पड़ रहा है। क्लीनिक के डाक्टर ड्रिप और ग्लूकोज चढ़ाने के नाम पर हजार रुपये की वसूली कर रहे हैं।