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एल-1 कोविड अस्पतालों में बढ़ी आयुष दवाओं की मांग

जागरण संवाददाता नोएडा वैश्विक महामारी से जहां हर तरह के उद्योग प्रभावित हुए हैं वहीं आयुर्वेदिक बाजार को इससे नई ऊंचाई मिल रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 10:29 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 10:29 PM (IST)
एल-1 कोविड अस्पतालों में बढ़ी आयुष दवाओं की मांग
एल-1 कोविड अस्पतालों में बढ़ी आयुष दवाओं की मांग

जागरण संवाददाता, नोएडा : वैश्विक महामारी से जहां हर तरह के उद्योग प्रभावित हुए हैं, वहीं आयुर्वेदिक बाजार को इससे नई ऊंचाई मिल रही है। बाजार से लेकर एल-1 अस्पतालों में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ गई है। मरीज रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली दवा की मांग कर रहे हैं। इसके चलते इन दवाओं की बिक्री तीन से चार गुणा तक बढ़ गई है।

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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवाओं की मांग बढ़ी है। पहले जहां दुकानों पर गिलोय की 60 टैबलेट की कीमत 100 रुपये थी, आज 200 तक पहुंच गई है। कई आयुष दुकानों पर रोग प्रतिरोधक क्षमता की दवा मांग के अनुपात में उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गिलोय वटी, अश्वगंधा, संजीवनी वटी, एलोवेरा, तुलसी, नीम, आंवला कैंडी व टैबलेट रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोग जड़ी-बूटियों का काढ़ा बनाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर बल दे रहे हैं। वहीं अब एल-1 अस्पतालों में भी मरीज आयुर्वेदिक दवा व काढ़े की मांग कर रहे हैं। अब तक बाजार में कोरोना वायरस की कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता का मजबूत होना ही कोरोना से संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय बताया जा रहा है। साथ ही योग के प्रति भी रुझान बढ़ा है। आयुर्वेदिक उत्पादों का ग्रीन टी की तरह कर रहे इस्तेमाल

आयुष चिकित्सक के अनुसार, लोग दालचीनी, लौंग, अदरक, तुलसी का चूर्ण बनाकर ग्रीन-टी की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। यह गले में खरास व खांसी जैसी शिकायतों के लिए बेहद लाभदायक है। इसके अलावा सांस की परेशानी होने पर अणु तेल का प्रयोग किया जा रहा है। होम आइसोलेशन वाले मरीज भी एलोपैथी की तुलना में आयुर्वेदिक व होम्योपैथी दवाओं का ज्यादा सेवन कर रहे हैं।

वैश्विक महामारी के दौरान बाजारों में आयुर्वेदिक दवाओं की मांग बढ़ी है। इसके अलावा एल-1 अस्पतालों में भी मरीजों को काढ़ा दिया जा रहा है। आयुर्वेदिक दवाएं शरीर को अंदर से मजबूत व रोगों से लड़ने की शक्ति देती हैं।

डॉ. विकास खेरिया, आयुष विभाग


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