डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की अड़चन जल्द होगी दूर
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नेाएडा : रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसीसी) के
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नेाएडा : रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसीसी) के निर्माण को लेकर गौतमबुद्धनगर में आ रही अड़चन को जल्द ही दूर कर लेंगे। इस कॉरिडोर के बीच में आ रहे कुछ गांव के किसानों के आपत्ति के कारण निर्माण कार्य बाधित है। इससे करीब एक साल यह परियोजना के विलंब होने की उम्मीद है। करीब 1839 किलोमीटर लंबी यह परियोजना गौतमबुद्धनगर से होकर गुजर रही है। यूपीएसआइडीसी के अधिकारियों ने दावा किया है कि गौतमबुद्धनगर में यूपीएसआइडीसी क्षेत्र के साइट-सी में गुलिस्तानपुर गांव के किसानों की जमीन इस परियोजना के लिए अधिग्रहीत की गई थी। इसके बदले में किसानों को मनमाफिक मुआवजा नहीं मिला। किसानों ने विरोध के सुर तेज कर दिए थे। जिला प्रशासन व यूपीएसआइडीसी की मध्यस्थता के बाद किसानों की मांग व निर्माण में आ रही समस्या को दूर करने का पूरा प्रयास किया गया है। यूपीएसआइडीसी के मुख्यालय स्तर पर किसानों की बातचीत हुई है। प्रभावित करीब 30 किसानों को उचित मुआवजा समेत विकसित भूखंड देने पर सहमति बन गई है। उम्मीद है कि जल्द ही किसानों को विकसित भूखंड का आवंटन कर इस क्षेत्र में कॉरिडोर के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। ज्ञात हो कि रेलवे ने माल ढुलाई के लिए ईस्टर्न व वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना को 2015 के रेल बजट में स्वीकृति दी थी। इसमें दादरी से मुंबई तक वेस्टर्न कॉरिडोर व दिल्ली से कोलकाता तक ईस्टर्न कॉरिडोर परियोजनाएं शामिल हैं। परियोजना के पूरे होने के बाद मालगाड़ी की रफ्तार भी करीब 100 किमी. प्रति घंटे की होगी। इससे माल ढुलाई में लगने वाले समय करीब आधे हो जाएंगे, जो औद्योगिक विकास के दृष्टिकोण से मील का पत्थर साबित होगा। गौतमबुद्धनगर में डीएफसीसी के राह में आ रही अड़चन को जल्द ही दूर कर लेंगे। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर बातचीत हो गई है। जल्द ही किसानों की मांग के मुताबिक भूखंड आवंटित कर काम शुरू कर दिया जाएगा।
- अजयदीप, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीएसआइडीसी सूरजपुर