एक्वा लाइन व एक्सप्रेस-वे के ऊपर से निकलेगा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
दादरी से रेवाड़ी तक बनाए जा रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) का एलाइनमेंट नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे व नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) की एक्वा लाइन के ऊपर से निकलेगा। यह लाइन सेक्टर-146 के पास से निकलेगी। यहां एक ब्रिज बनाया जाना है। ब्रिज का निर्माण डीएफसीसीआइएल चार दिनों में शुरू कर सकता है। इसके लिए यातायात परिवर्तन किया जाएगा। इस दौरान प्राधिकरण की कोई भूमिगत लाइन क्षतिग्रस्त न हो इसके लिए अगले सोमवार को अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल उक्त स्थान का निरीक्षण भी करेगा। 2020 तक रेवाड़ी से दादरी तक ये कॉरिडोर शुरू हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, नोएडा : दादरी से रेवाड़ी तक बनाए जा रहे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का एलाइनमेंट नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे व नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) की एक्वा लाइन के ऊपर से निकलेगा। यह ट्रैक सेक्टर-146 के पास से निकलेगा। यहां एक ब्रिज बनाया जाना है। ब्रिज का निर्माण डेडिकेटेड फेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआइएल) चार दिनों में शुरू कर सकता है। इसके लिए यातायात में परिवर्तन किया जाएगा। इस दौरान प्राधिकरण की कोई भूमिगत लाइन क्षतिग्रस्त न हो इसके लिए अगले सोमवार को अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल उक्त स्थान का निरीक्षण भी करेगा। 2020 तक रेवाड़ी से दादरी तक ये कॉरिडोर शुरू हो जाएगा।
डीएफसीसीआइएल के लिए सेक्टर-146 के पास एक रेलवे ब्रिज बनाया जाएगा। यह ब्रिज झट्टा गांव से उठेगा और मेट्रो की एक्वा लाइन व एक्सप्रेस-वे के ऊपर से निकलेगा। ब्रिज की कुल लंबाई करीब 250 मीटर व चौड़ाई करीब 10.5 मीटर की होगी। इस ब्रिज पर दो ट्रैक बिछाए जाएंगे। ब्रिज के दो किनारे होंगे साथ ही नौ पिलर बनाए जाएंगे। एक्सप्रेस-वे पर इसकी ऊंचाई 6.58 मीटर होगी। वहीं, एनएमआरसी की एक्वा लाइन से इसकी ऊंचाई 5 मीटर से अधिक होगी। यानी एक ऐसा ब्रिज तैयार किया जाएगा, जिसके नीचे से मेट्रो निकलेगी। यह निर्माण कार्य आगामी चार से पांच दिन में शुरू होने जा रहा है। पिलर निर्माण के लिए खोदाई का काम किया जाएगा। ऐसे में प्राधिकरण की कोई लाइन क्षतिग्रस्त न हो। इसके लिए बुधवार को प्राधिकरण में अधिकारियों के बीच मंत्रणा की गई। सोमवार को वर्क सर्किल-10 के वरिष्ठ प्रबंधक के साथ जल, सीवर, विद्युत यांत्रिकी के अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। इस कॉरिडोर पर 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर मालवाहक ट्रेन चलाना प्रस्तावित है।
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