भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं, होगी सख्त कार्रवाई : आलोक सिंह
उत्तर प्रदेश में पहली बार लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में शुरु हुई कमिश्नरी सिस्टम की शुरूआत के बाद औद्योगिक नगरी नोएडा में सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होने की उम्मीद जगी है। कमिश्नरी सिस्टम से नोएडा पुलिस का अब पूरा स्वरूप ही बदल गया है। अबतक महज एक एसएसपी रैंक के अफसर की तैनाती होती थी जबकि कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद एडीजी रैंक के पुलिस कमिश्नर के अलावा डीआइजी रैंक के दो एडिश्नल पुलिस कमिशन व एसपी रैंक के 7 आइपीएस अफसर डीसीपी के रूप में तैनात किये गए हैं।
उत्तर प्रदेश में पहली बार लखनऊ व गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत के बाद जिले में पुलिस का पूरा स्वरूप ही बदल गया है। यहां अब तक एक एसएसपी रैंक के अफसर की तैनाती होती थी, जबकि कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद एडीजी रैंक के अफसर के अलावा डीआइजी रैंक के दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर व एसपी रैंक के सात आइपीएस अफसर डीसीपी के रूप में तैनात किए गए हैं। भारी पुलिस फोर्स की भी अतिरिक्त तैनाती की जा रही है। मेरठ रेंज के आइजी रहे आइपीएस आलोक सिंह को गौतमबुद्धनगर का पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। सोमवार को कैबिनेट से कमिश्नर प्रणाली पर मुहर लगने के बाद मंगलवार को आलोक सिंह गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर के रूप में चार्ज संभालेंगे। अपराध नियंत्रण, पेशेवर अपराधियों पर नकेल कसने सहित अन्य कई मुद्दों पर आलोक सिंह से दैनिक जागरण संवाददाता रजनी कान्त मिश्र ने बातचीत की । प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश : - - अभी तक आप आइजी थे, अब नई भूमिका मिली है। इसे किस रूप में ले रहे हैं?
: पुलिस विभाग में कमिश्नरी प्रणाली लागू करने के लिए काफी पहले से तैयारियां चल रही थी। अब इसे प्रयोग के तौर पर लागू किया गया है। इस व्यवस्था में सीनियर पुलिस अधिकारी अपने अनुभव के साथ ग्राउंड पर होंगे। इससे जिले के लोगों को लाभ मिलेगा। अपराध नियंत्रण में आसानी होगी। - पुलिस पर लगे लगातार भ्रष्टाचार के आरोप से लोगों को विश्वास डगमगाया है। आम लोगों में कैसे विश्वास स्थापित करेंगे?
: भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा। इसके लिए स्ट्रांग बिजिलेंस टीम काम करेगी। आइजी मेरठ के रूप में काम करने के दौरान भी भ्रष्टाचार के मामलों में इंस्पेक्टर सहित अन्य के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई हुई है। - गौरव चंदेल हत्याकांड से पूरा प्रदेश झुलस रहा है। कितनी बड़ी चुनौती मान रहे हैं?
: गौरव चंदेल हत्याकांड पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज है। इस केस के पर्दाफाश के लिए पुलिस टीमें काम कर रही हैं। पुलिस को इसमें लीड भी मिली है। उम्मीद है कि इस हत्याकांड का जल्द पर्दाफाश होगा। - औद्योगिक नगरी में काम का तरीका अलग है। प्राधिकरण व जिलाधिकारी से समन्वय के साथ काम करना होता है। काम करना कितना कठिन होगा?
: यहां काम करना बिल्कुल कठिन नहीं होगा। बल्कि काम करना और आसान होगा। सीनियर लेवल पर बातचीत होने पर काम और स्मूथ हो जाएगा। प्राधिकरण व प्रशासन ही नहीं बल्कि सीमावर्ती जनपद के साथ दिल्ली व फरीदाबाद पुलिस से भी बेहतर समन्वय स्थापित करके अपराध पर लगाम लगाई जाएगी। - जिले में 10 आइपीएस अब काम करेंगे। जिसमें कई जिलों के वह कप्तान भी रह चुके हैं। काम करना कितना कठिन मानते हैं?
: एक साथ इतने प्रोफेशनल अधिकारी एक साथ काम करेंगे तो इसका लाभ जिले के लोगों को अवश्य मिलेगा। इस व्यवस्था के तहत हमारे पास हर क्षेत्र के प्रोफेशनल एक्सपर्ट मौजूद होंगे। क्राइम, साइबर क्राइम सहित अन्य प्रकार के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे तो काम और आसान हो जाता है। - जिले में अनिल दुजाना, सुंदर भाटी व रणदीप भाटी गैंग बड़े स्तर पर सक्रिय है। इन पर कैसे अंकुश लगाएंगे?
: अपराध नियंत्रण पुलिस की प्रमुखता में होगा। इसके लिए पुलिस काम करेगी। पेशेवर अपराधियों में इन तीन गैंग ही नहीं बल्कि इनके अलावा भी जो गैंग वहां व आस-पास के सक्रिय हैं उनकी कमर तोड़ दी जाएगी। संगठित अपराध को खत्म किया जाएगा।