शारदा में कोरोना जांच की क्षमता हुई दोगुनी
जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा शारदा अस्पताल को लेवल-3 स्तर का कोविड अस्पताल बनाया गया है।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : शारदा अस्पताल को लेवल-3 स्तर का कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां कोरोना संक्रमितों के उपचार के साथ जांच की सुविधा भी मौजूद है। कोरोना जांच के लिए शारदा में पहले केवल एक रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) मशीन मौजूद थी। इसके जरिए रोजाना तीन सौ जांच हो रही थीं। वहीं, अन्य एक मशीन आने की वजह से कोरोना जांच की क्षमता 600 प्रतिदिन हो गई है।
शारदा अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि शारदा से संदिग्ध व कोरोना संक्रमित मिलाकर अब तक लगभग 800 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं। वहीं, अभी लगभग 135 मरीजों का उपचार चल रहा है। शारदा को लेवन-3 श्रेणी का कोविड अस्पताल बनाया गया है। यहां कोरोना जांच के लिए आरटी-पीसीआर की एक मशीन पहले से ही मौजूद थी। इसके जरिए एक दिन में करीब 300 जांच हो सकती थी। एक जांच के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दर पर 2500 रुपये लिए जाते हैं। हालांकि, संस्थान के लिए एक मशीन की उपलब्धता काफी थी, लेकिन खराब होने की स्थिति में संस्थान को दिक्कत हो सकती थी। साथ ही जिले के निवासियों को जांच के लिए अन्य जगहों पर न जाना पड़े। ऐसे में एहतियातन अन्य मशीन को लगाने का निर्णय लिया गया। अब शारदा में कोरोना की जांच की क्षमता दोगुनी हो गई है।
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आपात स्थिति में किया जाता है रेपिड एंटीजन टेस्ट
डॉ. अजीत कुमार ने बताया कि संस्थान में अन्य बीमारियों के गंभीर मरीज भी आते हैं। इनमें गर्भवती, डायलसिस आदि के मरीज होते हैं। इनको तत्काल उपचार की जरूरत होती है। ऐसे में तत्काल परिणाम के लिए रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जाता है। इसकी रिपोर्ट आधे घंटे में मिल जाती है। वहीं, आर-टीपीसीआर की रिपोर्ट को आने में 8-12 घंटे तक लग जाते हैं। हालांकि, आरटी-पीसीआर मशीन से मिले परिणामों की सत्यता सौ फीसद होती है। वहीं, रेपिड एंटीजन टेस्ट का परिणाम 90 फीसद तक ठीक होता है।