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केंद्र सरकार के दो प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदूषण फैलाने पर परिवाद दायर

निर्माण कार्य के दौरान प्रदूषण रोकथाम के लिए निर्देशों का पालन नहीं करने पर जिला प्रशासन ने जुर्माना व 151 के गिरफ्तारी की कार्रवाई के बाद अब परिवाद दायर करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रदूषण फैलाने पर जिले में पहली बार केन्द्र सरकार के दो प्रोजेक्टों के ठेकेदार और निर्माण कराने वाली संस्था के प्रमुखों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। जिलाधिकारी बीएन ¨सह ने शनिवार को बताया कि पहला परिवाद धारा 15,16 व 17 के तहत वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड व एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड व इनके ठेकेदार के विरूद्ध दायर हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Dec 2018 08:49 PM (IST)Updated: Sat, 15 Dec 2018 08:49 PM (IST)
केंद्र सरकार के दो प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदूषण फैलाने पर परिवाद दायर
केंद्र सरकार के दो प्रोजेक्ट के खिलाफ प्रदूषण फैलाने पर परिवाद दायर

जागरण संवाददाता, नोएडा : प्रदूषण फैलाने पर शनिवार को जिले में पहली बार केन्द्र सरकार के दो प्रोजेक्टों के ठेकेदार और निर्माण कराने वाली संस्था के प्रमुखों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। जिलाधिकारी बीएन ¨सह ने बताया कि पहला परिवाद वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड व इनके ठेकेदार के खिलाफ दायर हुआ है। जिलाधिकारी के अनुसार डीएफसीसी द्वारा ग्रेटर नोएडा में चल रहे रेलवे ट्रैक निर्माण में जनित होने वाले डस्ट उत्सर्जन की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा 7 मई को निर्देश जारी किया गया था। इसके बाद 10 दिसंबर को फिर हुए निरीक्षण में वहां डस्ट उत्सर्जन की रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं नहीं मिली। निर्माण साइट पर मिट्टी लाने वाले सभी वाहन खुली अवस्था में ही आते पाए गए। जिला प्रशासन के अनुसार यह कार्य डीएफसीसी के ठेकेदार लार्सन एंड टुबरो (एल एंड टी) कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इस निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से मुख्य महाप्रबंधक डीएफसीसीआइएल-डब्ल्यू व परियोजना प्रबंधक लार्सन एंड टुबरो के खिलाफ परिवाद दायर हुआ है।

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जिलाधिकारी ने बताया कि नॉलेज पार्क दो ग्रेटर नोएडा में एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंस्टीट्यूट ऑफ आर्केलॉजी का निर्माण कार्य चल रहा है। वहां डस्ट उत्सर्जन की रोकथाम के लिए आवश्यक व्यवस्था नहीं होने पर मई माह में निर्देश जारी किया गया था। इसके बाद दो अन्य बार निरीक्षण के दौरान प्रोजेक्ट पर एनजीटी के उल्लंघन पाएं जाने पर प्रशासन की तरफ से पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका था। इसके बाद फिर 10 दिसंबर को प्रशासनिक टीम ने निरीक्षण किया तो नियमों का उल्लंघन पाया गया। इस मामले में एनबीसीसी (इंडिया) के मैने¨जग डायरेक्टर व कंपनी के ठेकेदार राणा कंस्ट्रक्शन के महाप्रबंधक के खिलाफ भी परिवाद दायर किया गया है। जिला प्रशासन गौतमबुद्ध नगर की तरफ से हुई इन कार्यवाई की जानकारी संस्कृति मंत्रालय के सूचना सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष के अलावा पर्यावरण विभाग यूपी के प्रमुख सचिव को भी दे दी गई है। 59 लोगों पर लग चुका है 5-5 लाख का जुर्माना :

प्रदूषण रोकथाम को लेकर एनजीटी के नियमों के उल्लंघन पर अबतक 59 लोगों के खिलाफ 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। इसमें कई सरकारी प्रोजेक्टों के खिलाफ भी जुर्माना लगाया गया है। प्रोजेक्ट साइटों पर धूल उड़ने पर दो दर्जन से अधिक लोगों को 151 के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस वर्ष न्यू ईयर व क्रिसमस पर पटाखे की बिक्री के लिए कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। पटाखा बेचने और जलाने वालों पर प्रशासनिक टीम कार्रवाई करेगी। एक वर्ष में पांच लाख से अधिक वाहनों के कटे चालान :

यातायात नियमों के उल्लंघन पर वर्ष 2018 में अबतक 5 लाख 62 हजार वाहनों के चालान कटे हैं। नो पार्किंग पर 32 हजार, ओवर स्पीड चलने पर 1 लाख 76 हजार, रेड लाइट जंप पर 38 हजार 778 चालान कटे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि इसमें अबतक करीब तीन हजार वाहन चालकों के डीएल निलंबित करने की संस्तुति की गई है। उन लोगों को अपना डीएल एआरटीओ कार्यालय में जमा करना होगा। ऐसा नहीं करने पर वाहन तीन माह के लिए वाहन जप्त भी किया जा सकता है।


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