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मुआवजे ने किया मालामाल, रोजगार बनाएगा खुशहाल

जागरण संवाददाता ग्रेटर नोएडा मुआवजे से मालामाल हुए किसानों के लिए यमुना प्राधिकरण ने खुशहाली का रास्ता तैयार कर दिया है। खेती की जमीन जाने के बाद किसान या उनके बच्चों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। प्राधिकरण क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों में 40 फीसद नौकरियों पर उनका हक होगा। योग्यता के मुताबिक उन्हें उद्योगों में नौकरी मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 08:09 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 08:09 PM (IST)
मुआवजे ने किया मालामाल, रोजगार बनाएगा खुशहाल
मुआवजे ने किया मालामाल, रोजगार बनाएगा खुशहाल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : मुआवजे से मालामाल हुए किसानों के लिए यमुना प्राधिकरण ने खुशहाली का रास्ता तैयार कर दिया है। खेती की जमीन जाने के बाद किसान या उनके बच्चों को रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। प्राधिकरण क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों में 40 फीसद नौकरियों पर उनका हक होगा। योग्यता के मुताबिक, उन्हें उद्योगों में नौकरी मिलेगी।

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नोएडा, ग्रेटर नोएडा के बाद यमुना प्राधिकरण औद्योगिक विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। औद्योगिक विकास के लिए किसानों की जमीन प्राधिकरण ले रहा है। इसके एवज में किसानों को मोटा मुआवजा मिल रहा है। किसान रातोंरात मालामाल बन रहे हैं। मुआवजे के बाद किसानों को आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े, उनका जीवन खुशहाल बना रहे। इसके लिए यमुना प्राधिकरण ने बड़ा फैसला लेते हुए क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों में 40 फीसद रोजगार में किसानों की हिस्सेदारी तय कर दी है। भूखंड आवंटन के समय उद्यमियों से लिखित में यह सहमति ली जा रही है कि वह स्थानीय युवाओं को योग्यता के आधार पर 40 फीसद रोजगार देंगे। इससे किसान व उनके बच्चों के लिए आने वाले समय में रोजगार का संकट टल गया है। योग्यता के बल पर वह उद्योगों में नौकरी ले सकेंगे। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में मुआवजा बना चार दिन की चांदनी

नोएडा, ग्रेटर नोएडा को देखें तो किसानों के लिए मुआवजा चार दिन की चांदनी बनकर रह गया है। जमीन अधिग्रहण के एवज में प्राधिकरण ने किसानों को करोड़ों में मुआवजा तो दिया, लेकिन रोजगार न होने से किसानों के लिए आर्थिक चुनौती पैदा हो गई है। ग्रेटर नोएडा में शुरुआत में लगने वाले उद्योगों में उन किसानों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी गई, जिनकी जमीन पर उद्योग स्थापित हुआ। समय बीतने के बाद उद्योगों में किसानों के परिवार के सदस्यों को नौकरी का अवसर मिलना खत्म हो गया। दोनों प्राधिकरण में किसानों के हश्र को देखते हुए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के किसान उद्योगों में उनके लिए आरक्षण की मांग कर रहे थे। प्राधिकरण क्षेत्र में लगने वाले उद्योगों में किसानों को रोजगार में आरक्षण की मांग लंबे समय से चल रही थी। यमुना प्राधिकरण ने 40 फीसद आरक्षण देकर किसानों के हित में अहम फैसला किया है। ग्रेटर नोएडा में ऐसी व्यवस्था न होने से किसान बेरोजगार हो चुके हैं। संगठन यमुना प्राधिकरण के फैसले का स्वागत करता है।

सुनील फौजी, किसान नेता, किसान अधिकार एवं युवा रोजगार आंदोलन यमुना प्राधिकरण विकास में मील का पत्थर साबित होगा। यहां अभी उद्योगों की शुरुआत है। किसानों को उद्योगों में रोजगार के लिए 40 फीसद आरक्षण सोने पर सुहागा है।

नरेश चपरगढ़, मंडलाध्यक्ष भाकियू अंबावता किसान संगठन काफी समय से यह मांग कर रहे। अगर नोएडा, ग्रेटर नोएडा में पहले से यह पॉलिसी लागू होती तो यमुना प्राधिकरण में यह खुद लागू होता। प्राधिकरण का यह अच्छा कदम है।

श्योराज सिंह, अध्यक्ष भाकियू लोकशक्ति यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित होने वाले उद्योगों में स्थानीय युवाओं के लिए 40 फीसद रोजगार का आरक्षण किया गया है। योग्यता के अनुसार उन्हें नौकरी मिलेगी। खेती समाप्त होने के बाद किसानों या उनके बच्चों को बेरोजगारी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण


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