बारात घर की बु¨कग में हो रहा था कमीशन का खेल, आरडब्ल्यूए से छीना अधिकार
सामुदायिक भवन-बारात घर की बु¨कग के नाम पर 2 से 5 फीसद कमिशन का गोरखधंघा आरडब्ल्यूए की ओर से किया जा रहा है, यह बात हम नहीं, बल्कि प्राधिकरण में पहुंची शिकायतों की जांच रिपोर्ट बता रही है। ऐसे में इस अवैध कमाई पर अंकुश लगाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने 9
कुंदन तिवारी, नोएडा :
सामुदायिक भवन-बारात घर की बु¨कग के नाम पर 2 से 5 फीसद कमीशन का खेल आरडब्ल्यूए की ओर से किया जा रहा है, यह बात प्राधिकरण की जांच रिपोर्ट में सामने आई है। जिसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने 98 आरडब्ल्यूए को नोटिस जारी कर सामुदायिक भवन-बारात घर का अधिकार छीने की बात कही है। साथ ही आरडब्ल्यूए के पिछले लेखा जोखा का ऑडिट करा कर पदाधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा। बता दें कि सेक्टरों में बने सामुदायिक केंद्र-बारात घर की आड़ में आरडब्ल्यूए लाखों रुपये के वारे न्यारे करने में जुटे रहे हैं। बु¨कग कराने वालों ने नोएडा प्राधिकरण से इसकी शिकायत की। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम आयोजन के लिए जब आरडब्ल्यूए के पास पहुंचते है तो उसे फुल दिखाया जाता, लेकिन जब शहर के टेंट हाउस में संपर्क करने पर 15 से 17 हजार रुपये में मिलने वाला सामुदायिक भवन-बारात घर को लाखों रुपये की कीमत पर बुक करा दिया जाता है। प्राधिकरण जांच में कमाई की हुई पुष्टि : हाल ही में सेक्टर-39 आरडब्ल्यूए ने सामुदायिक भवन के साथ डीजे से लेकर कैट¨रग तक की बु¨कग ली। केवल डीजे के लिए ही 1.50 लाख की वसूली की गई, शिकायत के आधार पर मामले की जांच की गई, जांच में इसकी पुष्टि हो गई। लिहाजा, प्राधिकरण ने सेक्टर-39 आरडब्ल्यूए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही उनसे सामुदायिक केंद्र का हक भी वापस लेने की बात कही है। यही नहीं एक अन्य मामले में सेक्टर-55 में सेक्टर के बाहर के लोग को बु¨कग दी गई। यहां आयोजन के दौरान देर रात तक शराब पीने, हंगामा करने और तोड़फोड़, मारपीट भी हुई। मामले की शिकायत प्राधिकरण के पास पहुंची। प्राधिकरण ने बाहरी लोगों को बु¨कग देने से मना किया। साथ ही आरडब्ल्यूए को एक शपथ पत्र साइन कराने को कहा। कुछ ने किया सामुदायिक केंद्र सरेंडर : सेक्टरों में आरडब्ल्यूए भंग हो चुकी है या फिर जिन आरडब्ल्यूए में सामुदायिक केंद्र चलाने की क्षमता नहीं है। वह लोग सामुदायिक केंद्र की जिम्मेदारी नहीं ले रहे है। हाल ही में सेक्टर-12 व 61 के लोगों ने सामुदायिक केंद्र का अधिकार प्राधिकरण को वापस कर दिया है। फिलहाल अब प्राधिकरण नोटिस जारी कर सभी आरडब्ल्यूए से यह अधिकार वापस करने को कहा है। आयकर विभाग मान रहा कमाई का जरिया : आरडब्ल्यूए की इस कमाई की जानकारी आयकर विभाग के पास भी है। वर्ष 2016 से लगातार विभाग नोटिस जारी कर टैक्स रिटर्न भरने को कह रहा है, लेकिन किसी भी आरडब्ल्यूए ने टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है। सेक्टरों के आरडब्ल्यूए ने सामुदायिक भवनों को अवैध कमाई का जरिया बना लिया है। 98 आरडब्ल्यूए को नोटिस जारी किया गया, जिनसे सामुदायिक भवनों को अधिकार छीना गया है। पुराने लेखा जोखा पर सवाल जवाब अवश्य किया जाएगा।
-एमपी ¨सह, ओएसडी, नोएडा प्राधिकरण को लगता है कि वह सामुदायिक भवनों का संचालन कर सकती है। तो वह अधिकार वापस ले सकती है, लेकिन सामुदायिक भवनों को आरडब्ल्यूए ने बेहतर रखरखाव किया है।
-एनपी ¨सह, अध्यक्ष, फोनरवा