कॉलम : प्राधिकरण के गलियारे से
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आि
साहब का ऐलान, सड़कों की बढ़ेगी शान
प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सौ दिनों में सड़कों को गड्ढे से मुक्त करने का ऐलान किया था। सरकार के मुखिया का फरमान सुनते ही जिले की सड़कों में गड्ढे तलाशने और उन्हें दुरुस्त करने के लिए अधिकारी दौड़ पड़े। प्राधिकरण भी ग्रेटर नोएडा की सड़कों को गड्ढे से मुक्त करने में जुट गया। सौ दिन की अवधि बीत गई, सरकार अपने ऐलान और अधिकारी गड्ढों को भूल गए। इस बार प्राधिकरण सीईओ नरेंद्र भूषण ने एक माह में शहर की सड़कों को गड्ढे से मुक्त करने का ऐलान किया है। काम भी शुरू हो चुका है। कर्मचारी कहीं अधिकारियों की आंखों में धूल न झोंक दें, इसके लिए गड्ढों की जियो टैगिग की जा रही है। सीईओ साहब के ऐलान से शहर की सड़कें चकाचक हुई या उसका हश्र भी सरकार के ऐलान जैसा हुआ, हकीकत एक माह में ही सामने आ जाएगी। आधी आबादी की आई याद
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को देर से सही, आखिरकार आधी आबादी याद आ ही गई। प्राधिकरण शहर में महिलाओं के लिए सार्वजनिक शौचालय बनाने जा रहा हैं। इन्हें पिक शौचालय नाम दिया गया है। शौचालय में महिलाओं की सुविधा का खास ध्यान होगा। सार्वजनिक शौचालय पहले भी ग्रेटर नोएडा में बने हैं। ये महिला और पुरुष दोनों के लिए हैं, लेकिन इनके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया। लोगों ने इनमें दुकानें तक सजा ली। पिक शौचालय बनेंगे, तो उम्मीद है कि प्राधिकरण इनके रखरखाव पर ध्यान देगा। महिलाओं को वह सुविधा मिलेगी, जिनसे वह वर्षों से वंचित थीं। बरसों पहले प्राधिकरण ने महिलाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए महिला उद्यमी पार्क की योजना तैयार की थी। महिलाओं को उद्योग लगाने के लिए भूखंड भी दिए गए। हालांकि ये पार्क आज ढूंढने से भी नहीं मिलते। उम्मीद है कि पिक शौचालय का हश्र महिला उद्यमी पार्क जैसा नहीं होगा।
फिल्म सिटी से यमुना के सपने हुए रंगीन
यमुना प्राधिकरण के अधिकारी इन दिनों बेहद खुश हैं। आखिर नोएडा, ग्रेटर नोएडा को पीछे छोड़ते हुए उन्हें फिल्म सिटी को लपकने में कामयाबी जो मिल गई है। एक के बाद एक परियोजना यमुना प्राधिकरण की झोली में गिरती जा रही हैं। बुलेट ट्रेन बिन मांगी मिली मुराद की तरह यमुना प्राधिकरण की झोली में आ गिरी है। परियोजना आ रही हैं, तो निवेशक भी खिचे चले आ रहे हैं। मौका देख सीईओ डा.अरुणवीर सिंह ने फेज दो प्लान में शामिल राया को भी विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। फिल्मों की शूटिग होगी, तो उसके लिए लोकेशन की जरूरत भी पड़ेगी। राया फिल्मों के लिए अच्छी लोकेशन बन सके, इसलिए टप्पल को पीछे छोड़ राया शहरी केंद्र को आगे बढ़ाया गया है। वर्षों से रुकी यमुना अब आगे बह चली है, जबकि दौड़ता हुआ शहर ग्रेटर नोएडा आर्थिक मोर्चे पर लड़खड़ाता हुआ दिखने लगा है।
स्वच्छता रैंकिग की बेकरारी
स्वच्छता रैंकिग में जगह बनाने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बेकरार है। सीईओ नरेंद्र भूषण इस उपलब्धि को पाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। योजना से लेकर उनके क्रियान्वयन तक निगरानी में जुटे हैं। परिणाम जल्द सामने आएं, इसके लिए मशीनों से काम लिया जा रहा है। शहर स्वच्छ दिखेगा, तभी स्वच्छता रैंकिग में जगह मिलेगी। सीवर की सफाई के लिए सीईओ साहब रोबोट ले आए। सीवर, पानी की पाइपलाइन, बिजली केबल का मास्टर प्लान तैयार कराने के लिए अमेरिका से ग्राउंड पेनेट्राटिग रडार मंगाया गया है। कूड़ा निस्तारण के लिए भी कंपनियों को न्योता दे दिया है। जल्द ही कंपनियां अपना काम भी शुरू कर देंगी। सीईओ साहब की मेहनत शहर को स्वच्छता रैंकिग में जगह दिला पाती है या नहीं, यह तो आने वाला समय बताएगा। प्रयास जारी रहे, तो ग्रेटर नोएडा पहले की तरह फिर से हरा-भरा और साफ शहर की पहचान जरूर वापस पाएगा।