नि:शुल्क प्लास्टिक सर्जरी से मरीजों में जीने की नई उम्मीद जगी
सेक्टर-33 स्थित प्रकाश अस्पताल में जले-कटे के लिए आयोजित निश्शुल्क प्लास्टिक सर्जरी शिविर में ऑपरेशन के बाद मरीजों में जीने की नई उम्मीद जगी है। हादसे का शिकार लोगों के चेहरे की खुशी ऑपरेशन के बाद दोबारा से लौटी है।
जागरण संवाददाता, नोएडा:
सेक्टर-33 स्थित प्रकाश अस्पताल में जले-कटे के लिए आयोजित नि:शुल्क प्लास्टिक सर्जरी शिविर में ऑपरेशन के बाद मरीजों में जीने की नई उम्मीद जगी है। हादसे का शिकार लोगों के चेहरे की खुशी ऑपरेशन के बाद दोबारा से लौटी है।
कार्यक्रम संयोजक शशांक अग्रवाल ने बताया शिविर में जन्म से कटे होंठ, हाथ के नुक्स, तेजाब अथवा आग से जलने के बाद चमड़ी के दाग, चमड़ी के सफेद दाग एवं शरीर के जोड़ों के असामान्य रूप से जुड़े होने के ऑपरेशन नि:शुल्क किए जाएंगे। 11 अप्रैल तक चलने वाले शिविर में अबतक 10 से अधिक मरीजों का इलाज हो चुका है। फंक्शनल प्लास्टिक सर्जरी के लिए जर्मनी से आई 7 सदस्यीय टीम बुलाई गई है। इसमें जर्मनी के विख्यात प्लास्टिक सर्जन डॉ. ईवा मारिया बाउर और डॉ. राजमोंद पिकुला शामिल है। शिविर का आयोजन प्रकाश अस्पताल और रोटरी कल्ब ऑफ नोएडा के सहयोग से हो रहा है।
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6 साल पहले चूल्हे पर खाना बनाते समय आग से बुरी तरह झुलस गई थी। डॉक्टरों ने इलाज के लिए 5 लाख रुपये का खर्च बताया था। मजदूर पति की इतनी हैसियत नहीं थी, कि प्लास्टिक सर्जरी करा सकूं। लेकिन शिविर में नि:शुल्क ऑपरेशन हुआ है।
- उर्मिला
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25 साल पहले हादसे में बुरी तरह से झुलसने के बाद हाथ-पैर सही से नहीं काम कर रहे थे। प्लास्टिक सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने पूरी तरह से स्वस्थ होने का दावा किया है। उम्मीद है ऑपरेशन के बाद दोनों अंग सही ढंग से काम करेंगे।
- राजेश कुमार
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10 साल पहले दूध उबालते समय हादसे का शिकार हो गई थी। डॉक्टरों ने इलाज में लाखों का खर्च बताया था। यहां कैंप में नि:शुल्क प्लास्टिक सर्जरी की गई है। घरवाले भी काफी खुश हैं।
- मानसी गर्ग
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7 साल पहले सिलेंडर फटने से पूरा शरीर झुलस गया था। इसके बाद से कई अंग काम नहीं कर रहे हैं। अस्पताल में प्लास्टिक सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने सभी अंगों के सही ढंग से काम करने की बात कहीं है।
- एकता