37 हजार निवेशकों के आशियाने पर संकट
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा में करीब 37 हजार निवेशकों के आशियाने पर संकट के बादल ह
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा में करीब 37 हजार निवेशकों के आशियाने पर संकट के बादल हैं। ऑडिट में यह बात सामने आई है कि 22 बिल्डरों की परियोजनाएं बुरी तरह से फंसी हुई हैं। इन परियोजनाओं को पूरा कराना आसान नहीं होगा। हालांकि, करीब 16 हजार निवेशकों के लिए राहत भरी खबर भी है। ऑडिट में 26 ऐसी परियोजनाएं चिन्हित की गई हैं, जिन्हें जल्द पूरा कराकर निवेशकों को कब्जा दिलाया जाएगा।
प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा की 107 बिल्डर परियोजनाओं का ऑडिट करा रहा है। इसमें 50 परियोजनाओं का ऑडिट पूरा हो चुका है। परियोजनाओं की स्थिति को देखते हुए प्राधिकरण ने उन्हें चार श्रेणी में बांटा है। ए, बी व सी श्रेणी में उन बिल्डर परियोजनाओं को रखा गया है, जिन्हें पूरा कराना संभव है। इन परियोजनाओं में 16 हजार फ्लैट निवेशकों को बेचे जा चुके हैं। परियोजना को पूरा करने के लिए बिल्डर शेष बचे फ्लैट को बेचकर पूंजी जुटाएगा। डी श्रेणी में 22 बिल्डर परियोजनाओं को रखा गया है। यह वो परियोजना हैं, जिन्हें पूरा करना प्राधिकरण के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। इसमें आम्रपाली, शुभकामना, अर्थ टाऊनी आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं में 37 हजार निवेशक फंसे हुए हैं।
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ए, बी व सी श्रेणी की परियोजनाओं की हर तीन माह में समीक्षा
ए, बी व सी श्रेणी में शामिल परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए प्राधिकरण उनके कार्य की हर तीन माह में समीक्षा करेगा। परियोजनाओं का केस टू केस मूल्यांकन किया जाएगा और जो भी अड़चन होंगी, प्राधिकरण उन्हें दूर करने के लिए सकारात्मक रूप से कदम उठाएगा।
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25 परियोजनाओं का जल्द होगा ऑडिट
प्राधिकरण बची हुई परियोजनाओं का ऑडिट भी जल्द शुरू कराने जा रहा है। इसके बाद स्पष्ट होगा कि कितनी परियोजनाएं पूरी होने की स्थिति में हैं और कितने निवेशकों का आशियाना संकट में फंसा है। प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक बिल्डर परियोजना विवेक गोयल का कहना है कि 25 अन्य बिल्डर परियोजनाओं का ऑडिट होगा, यह कार्य जल्द शुरू हो जाएगा।
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श्रेणी व बिल्डर
ए - सुपरटेक बिल्डर, ओमीक्रान एक, जीएच-2
बी - यूनीटेक, मॉसकॉट, नंदी, गुलशन, जे एंड सी, एबीए, फ्यूचर वर्ल्ड, टूडेज होम्स
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जिन बिल्डर परियोजनाओं का ऑडिट हो चुका है, उन्हें अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया है। परियोजनाओं को जल्द पूरा कराने के लिए बिल्डरों के साथ बैठक भी हो चुकी है।
- आलोक टंडन, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण