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सुझावों के साथ जेवर एयरपोर्ट का बिड डॉक्यूमेंट नीति आयोग ने किया वापस

नीति आयोग ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का बिड डॉक्यूमेंट परीक्षण के बाद शासन को वापस कर दिया है। आयोग ने बिड डॉक्यूमेंट पर कई अहम सुझाव दिए हैं। इन सुझावों को डॉक्यूमेंट में सम्मलित कर इसी सप्ताह उसे प्रदेश की परियोजना निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति (पीएमआइसी) में रखा जाएगा। समिति की बैठक बृहस्पतिवार को होने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव के बाद ही एयरपोर्ट की बिड जारी होने की संभावना है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Mar 2019 07:58 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2019 07:58 PM (IST)
सुझावों के साथ जेवर एयरपोर्ट का बिड डॉक्यूमेंट नीति आयोग ने किया वापस
सुझावों के साथ जेवर एयरपोर्ट का बिड डॉक्यूमेंट नीति आयोग ने किया वापस

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: नीति आयोग ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का बिड डॉक्यूमेंट परीक्षण के बाद शासन को वापस कर दिया है। आयोग ने बिड डॉक्यूमेंट पर कई अहम सुझाव दिए हैं। इन सुझावों को डॉक्यूमेंट में सम्मलित कर इसी सप्ताह उसे प्रदेश की परियोजना निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति (पीएमआइसी) में रखा जाएगा। समिति की बैठक बृहस्पतिवार को होने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव के बाद ही एयरपोर्ट की बिड जारी होने की संभावना है।

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जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बिड एवं कंसेशन एग्रीमेंट को प्राइस वॉटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) ने तैयार किया है। पीएमआइसी व कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे केंद्र सरकार के पास परीक्षण के लिए भेजा गया था। व्यय विभाग, आर्थिक मामलों के विभाग से परीक्षण के बाद बिड डॉक्यूमेंट को नीति आयोग के पास भी परीक्षण के लिए भेजा गया। नीति आयोग ने सुझावों के साथ इसे प्रदेश सरकार को वापस कर दिया है।

विभाग एवं आयोग के सुझावों को बिड डॉक्यूमेंट में सम्मलित किया जाएगा। आर्थिक मामलों के विभाग ने साफ किया है कि एयरपोर्ट के लिए नब्बे फीसद जमीन पर कब्जा मिलने के बाद ही बिड जारी होनी चाहिए।

एयरपोर्ट के बिड डॉक्यूमेंट को पीएमआइसी से मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट ने उन्हें एयरपोर्ट संबंधी फैसले के लिए पहले ही अधिकृत किया है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही एयरपोर्ट की बिड जारी होगी। हालांकि एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया अभी जारी है। प्रशासन रन्हेरा व पारोही का अवार्ड घोषित कर चुका है। लेकिन मुआवजा वितरण का कार्य शुरू नहीं किया है। उधर ग्रामीणों ने जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी हैं।


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