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13 संस्थागत आवंटियों को 618 करोड़ का नोटिस

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण ने 13 संस्थागत आवंटियों को 618 करोड़ का नोटिस भेजा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 07:38 PM (IST)
13 संस्थागत आवंटियों को 618 करोड़ का नोटिस
13 संस्थागत आवंटियों को 618 करोड़ का नोटिस

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण ने 13 संस्थागत आवंटियों को 618 करोड़ का नोटिस भेजा है। इन संस्थाओं को उस वक्त की प्रचलित दरों से कम पर भूखंड का आवंटन कर दिया था। प्राधिकरण ने अंतर धनराशि को ब्याज के साथ जमा कराने के लिए संस्थाओं को नोटिस जारी किया है। धनराशि का भुगतान न करने पर प्राधिकरण भूखंड का आवंटन निरस्त करेगा।

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यमुना प्राधिकरण ने 2009 से 2011 के बीच सेक्टर 17 में 13 आवंटियों को संस्थागत भूखंड का आवंटन किया था। भूखंड के 75 फीसद हिस्से में कोर गतिविधि शेष 25 फीसद हिस्से में दस फीसद पर कामर्शियल, दस फीसद पर ग्रुप हाउ¨सग व पांच फीसद पर सुविधाएं विकसित करनी थी।

जिस वक्त संस्थाओं को भूखंड का आवंटन किया गया था। उस वक्त संस्थागत के लिए भूखंड दरें 2670 रुपये प्रति वर्गमीटर थी। लेकिन तत्कालीन अधिकारियों ने नियम विरुद्ध जाकर 1629 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से भूखंड का आवंटन कर दिया। इससे प्राधिकरण को करोड़ों रुपये के राजस्व की क्षति हुई।

नौ मई को हुई प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया कि आवंटियों से ब्याज सहित अंतर धनराशि वसूल की जाए। बोर्ड के निर्णय पर कार्रवाई करते हुए प्राधिकरण ने बुधवार को सभी 13 आवंटियों को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन में धनराशि भुगतान का निर्देश दिया है। धनराशि का भुगतान न करने की स्थिति में भूखंड आवंटन रद हो सकता है।

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ऐसे किया गया था खेल

भूखंड आवंटन की दर निर्धारण में तत्कालीन अधिकारियों ने खेल किया था। भूखंड की कीमत उस पर होने वाली गतिविधि के अनुपात से तय होनी थी। अर्थात संस्थागत के मामले में उस वक्त प्रचलित दरों के हिसाब से 75 फीसद संस्थागत, दस फीसद ग्रुप हाउ¨सग, दस फीसद कामर्शियल व पांच फीसद सुविधाओं की दरों को जोड़ते हुए भूखंड की कीमत का निर्धारण होना था। लेकिन अधिकारियों ने सौ फीसद दर संस्थागत के अनुरूप तय कर दी। जबकि ग्रुप हाउ¨सग, कामर्शियल की दरें संस्थागत की तुलना में अधिक थी।

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अधिकारियों की भूमिका की हो रही जांच

प्रचलित से कम दर पर भूखंड आवंटन में तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका की भी जांच चल रही है। इसमें जो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। बॉक्स

इन संस्थाओं को दिया गया नोटिस

संस्था धनराशि ब्याज समेत

मारुति एजुकेशनल ट्रस्ट सौ करोड़ 71 लाख रुपये

शकुंतला एजुकेशनल वेलफेयर सोसायटी 66 करोड़ 64 लाख

एसके कांट्रेक्ट प्रा. लि. 26 करोड़ 59 लाख

जाइमा इंटरप्राइजेज प्रा. लि. 33 करोड़ 40 लाख

बाबू बनारसी दास नॉर्दन इंडिया फाउंडेशन 40 करोड़ 34 लाख

जीएल बजाज एजुकेशन ट्रस्ट 33 करोड़ 58 लाख

शांति एजुकेशन सोसायटी 29 करोड़ 63 लाख

सतलीला एजुकेशनल फाउंडेशन 69 करोड़ 23 लाख

त्याग बिल्ड स्पेश प्रा. लि. 28 करोड़ 85 लाख

एमएमए ग्रेंस मिल्स प्रा. लि. 28 करोड़ 77 लाख

इंडियन नॉलेज सिटी फाउंडेशन 66 करोड़ 65 लाख

चंद्रलेखा कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. 57 करोड़ 88 लाख

एचपीएस आइटी सल्यूशन प्रा. लि. 29 करोड़ एक लाख 13 संस्थागत आवंटियों को अंतरधनराशि ब्याज समेत देने के लिए नोटिस दिया गया है। बोर्ड ने नौ मई को हुई बैठक में आवंटियों से अंतरधनराशि ब्याज समेत वसूलने का निर्णय किया था। बोर्ड के निर्णय को क्रियान्वित किया गया है।

डा. अरुणवीर ¨सह, सीईओ यमुना प्राधिकरण


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